डीएमके, कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार शाम राजभवन में कार्यवाहक राज्यपाल सी. एच. विद्यासागर राव से भेंट की। विपक्षी दलों ने अर्जी दी कि बहुमत गंवा चुकी ‘हॉर्स ट्रेड’ करने वाली इस सरकार से विधानसभा सत्र आहूत कर शक्ति परीक्षण कराया जाए। पत्रकारों से वार्ता में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एम. के. स्टालिन ने कहा कि १९ विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने वाला पत्र राज्यपाल को दिया है। इस बारे में राष्ट्रपति तक से मुलाकात की जा चुकी है।
११९ ज्यादा या ११४ , तय करें राज्यपाल
स्टालिन ने कहा कि हमने राज्यपाल राव को अवगत कराया कि एआईएडीएमके के २१ बागी विधायकों और विपक्षी दल के ९८ विधायकों ने सरकार के प्रति अविश्वास दर्शाया है। जयललिता के निधन के बाद फिलहाल विस में २३३ सदस्य हैं। ऐसे में सरकार के पास ११४ और विपक्ष में ११९ विधायक हैं। यह राज्यपाल को तय करना है कि इन दोनों में से बड़ी संख्या कौनसी है? एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर विस सत्र बुलाया गया तो डीएमके सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। एक अन्य सवाल के उत्तर में स्टालिन ने तिरुचेंगोडु की आईओबी शाखा में २४६ करोड़ रुपए जमा कराने वाले राज्य के मंत्री का नाम उजागर किए जाने की मांग की।