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खून, पसीने और आंसुओं का प्रतीक लगाकर सेवानिवृत्त हुए प्रतीप

locationचेन्नईPublished: Oct 02, 2021 10:30:01 pm

डीजीपी ने सेवानिवृत्ति के दिन पहनी खून सनी टोपी व बैज
 
 

परिवार के साथ डीजीप प्रतीप

परिवार के साथ प्रतीप

चेन्नई. आईपीएस अधिकारी प्रतीप वी. फिलिप ने सेवानिवृत्त समारोह को यादगार बना दिया। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण पद से 30 सितंबर को सेवानिवृत्ति के दिन उन्होंने खून के धब्बों वाली वही कैप पहनी जो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के समय उन्होंने पहन रखी थी। फिलिप के बैज पर भी खून के निशान थे।
प्रतीप 21 मई 1991 को श्रीपेरंबुदूर में हुए मानव बम विस्फोट में चमत्कारिक ढंग से बाल-बाल बच गए थे। उस समय फिलिप सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर कार्यरत थे और राजीव गांधी की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे। बम ब्लास्ट में वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। धमाके के दौरान उनकी टोपी और नाम का बैज गिर गया था। ये तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में भौतिक वस्तुओं के रूप में चिह्नित थे और इन्हें विशेष जांच दल द्वारा अपराध स्थल से साक्ष्य के तौर पर एकत्र किया गया था। तब से वे निचली अदालत की जब्ती में थे।

खून, पसीने और आंसुओं का प्रतीक लगाकर सेवानिवृत्त हुए प्रतीप

अदालत में लगाई थी याचिका
सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले प्रतीप ने अतिरिक्त सत्र न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें टोपी और नाम बैज सौंपने की मांग की गई। प्रतीप के वकील संजय पिंटो ने कहा कि याचिकाकर्ता, जिसने ड्यूटी के दौरान मौत से सामना किया, वह अपनी खून सनी टोपी और नाम बैज वापस लेना चाहते है। यह उनका निजी सामान था और अविस्मणीय घटना से जुड़ा है। राष्ट्र सेवा में प्रारंभिक वर्षों के दौरान कर्तव्य और उनके पेशेवर कॅरियर के 34 वर्षों में उनके खून, पसीने और आंसुओं का प्रतीक है।
इस पर प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश टी. चंद्रशेखरन ने 28 सितंबर को प्रतीप की याचिका स्वीकार की और एक लाख रुपए के बांड के निष्पादन पर टोपी और नाम बैज वापस करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि उद्देश्य पूरा होने के बाद उन्हें 28 अक्टूबर या उससे पहले अदालत को सौंप दिया जाना चाहिए।

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