अदालत में लगाई थी याचिका
सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले प्रतीप ने अतिरिक्त सत्र न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें टोपी और नाम बैज सौंपने की मांग की गई। प्रतीप के वकील संजय पिंटो ने कहा कि याचिकाकर्ता, जिसने ड्यूटी के दौरान मौत से सामना किया, वह अपनी खून सनी टोपी और नाम बैज वापस लेना चाहते है। यह उनका निजी सामान था और अविस्मणीय घटना से जुड़ा है। राष्ट्र सेवा में प्रारंभिक वर्षों के दौरान कर्तव्य और उनके पेशेवर कॅरियर के 34 वर्षों में उनके खून, पसीने और आंसुओं का प्रतीक है।
इस पर प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश टी. चंद्रशेखरन ने 28 सितंबर को प्रतीप की याचिका स्वीकार की और एक लाख रुपए के बांड के निष्पादन पर टोपी और नाम बैज वापस करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि उद्देश्य पूरा होने के बाद उन्हें 28 अक्टूबर या उससे पहले अदालत को सौंप दिया जाना चाहिए।