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प्रधानमंत्री को गरीबों से है काफी लगाव : निर्मला सीतारमण

locationचेन्नईPublished: Oct 15, 2017 09:03:44 pm

केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो काफी गरीब परिवार से थे, हमेशा गरीबों के प्रति काफी लगाव रखते ह

Prime Minister is very much attached to the poor: Nirmala Sitharaman

Prime Minister is very much attached to the poor: Nirmala Sitharaman

चेन्नई।केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो काफी गरीब परिवार से थे, हमेशा गरीबों के प्रति काफी लगाव रखते हैं। मुद्रा प्रचार अभियान और लाभार्थियों को ऋण वितरित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुद्रा लोन लेने वालों में महिलाओं की संख्या काफी अधिक है जिससे पता चलता है कि केंद्र को महिलाओं की काफी चिंता है। आत्मविश्वास की कमी के कारण गरीब बैंक नहीं जाते थे। ऐसे हालातों में मुद्रा लोन के तहत प्रधानमंत्री लोगों की परेशानियों को खत्म करने की कोशिश कर बैंक के सहयोग से खाता खोलने के लिए बैंक के अधिकारियों को आम लोगों के घर तक भेज रहे हैं।

इस प्रकार से गरीबो की सहायता के लिए प्रधानमंत्री कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में उपस्थित नगरपालिका प्रशासन मंत्री एस.पी. वेलुमणि ने कहा कि वर्ष २०१५ में प्रधानमंत्री द्वारा शुरु हुई मुद्रा योजना से राज्य के बहुत सारे गरीब लोगों को उनके व्यापार को शुरू करने में सहायता मिली है। इससे पहले कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों द्वारा लगभग ४५ स्टाल लगाकर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी गई।

विधानसभा सचिव ने दायर किया जवाबी हलफनामा

विधानसभा में डीएमके विधायकों द्वारा गुटखा ले जाने के मामले पर प्रिविलेज कमेटी द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान विधानसभा सचिव द्वारा दायर जवाबी हलफनामें में बताया गया है कि विधानसभा स्पीकर पी. धनपाल के मुताबिक प्रतिबंधित पदार्थ को विधानसभा में लाना सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन है। जिसके बाद मामले की जांच के लिए इसे प्रिविलेज कमेटी को दे दिया गया ताकि जल्दबाजी में कोई एकतरफा कार्रवाई न हो।

इस संबंध में नोटिस जारी कर दोषी विधायकों से ५ सितम्बर तक स्पष्टीकरण भी मांगा गया। इस मामले में दोषी विधायकों ने १५ दिन का समय मांगा जिसपर कमेटी के चेयरमैन उप स्पीकर ने ७ दिनों का समय दिया। समिति ने इस संबंध में दोषी विधायकों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है। विधानसभा को अधिकार है कि वह अपनी कार्रवाई आगे जारी रखे।

इसलिए विधानसभा स्पीकर द्वारा उठाया गया कदम कानून संगत है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि आप प्रतिबंधित उत्पाद को विधानसभा के भीतर लेकर आएं।
गौरतलब है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता व डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन और उनके विधायक विधानसभा में गुटखा दिखाकर यह बताने का प्रयास कर रहे थे।
प्रतिबंधित होने के बावजूद राज्य में इन उत्पादों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।

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