इस प्रदर्शनी में आईआईटी के लगभग ६० से ज्यादा स्र्टाटअप कंपनियों व विद्यार्थियों ने अपने स्टॉल लगाए और आईआईटी के बाहर लगभग ४० से ज्यादा कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए। इस मौके पर आईआईटीएमआईसी और आईआईटीएमआरपी के को चेयरमैन प्रोफेसर अशोक झूनझूनवाला ने कहा कि इस प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आईआईटी द्वारा सृजित स्र्टाटअप कंपनी व देशभर के अन्य स्र्टाटअप कंपनियों को निवेशकों, उद्योग, सरकार और संस्थान को एक मंच प्रदान करना है। इस मंच के माध्यम से आपस में एक-दूसरे से संवाद करने का मौका मिलेगा जो कि इन कंपनियों व शोध के विकास के लिए काफी सहायक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि कोई नई खोज तभी सम्भव होती है जब एक अनुभवी औद्योगिक व्यक्ति, एक ज्ञानी फैकेल्टी और युवा साथ आते हैं। आईआईटी मद्रास के ५० से ज्यादा संकाय ने अपनी खुद की स्र्टाटअप कंपनी शुरू की है। हम हर साल इस संख्या को १०० के बराबर करने के प्रयास में हैं। इस मौके पर आईआईटीएम इंक्युबेशन सेल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है कि शिक्षण संथान, खोज, उद्योग, निवेशकों को एक मंच पर लाया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन से नवीन खोज और स्र्टाटअप कंपनियों को काफी फायदा मिलता है। हमारा यह कार्यक्रम स्टॉटअप इंडिया थीम पर आधारित है।
इस प्रदर्शनी में इंटरप्रेनरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) भी हिस्सा ले रही है और तमिलनाडु सरकार की हाल ही में लांच स्र्टाटअप नीति के बारे में लोगों को जागरूक कर रही है। टाई चेन्नई के अध्यक्ष और आईआईटीएमआईसी बोर्ड के निदेशक वी. शंकर ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस प्रदर्शनी में ज्यादा से ज्यादा स्र्टाटअप कंपनी हिस्सा लें। यह तो अभी शुरुआत है चेन्नई डेमो डे का यह पहला कार्यक्रम है। आने वाले दिनों में ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
उत्पादन, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रोबोटिक, इंटरनेट ऑफ थिंग, एग्रिटेक, सेलर-डीसी, हेल्थटेक, बॉयोटेक्नोलॉजी, एआई/एमएल/एआर-वीआर/डेटा साइंस, एडटेक, जल, कचरा और कंंज्युमरटेक समेत विभिन्न क्षेत्र से स्र्टाटअप कंपनियों ने इस प्रदर्शनी में हिस्सा लिया। सभी स्टॉलों में ज्यादा भीड़ इंटरप्रेनरशिप डेवलपमेंट एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट, वेस्ट चक्र, कलेइडोफिन, ई-व्हीकल आदि के स्टॉल पर देखने को मिली।