15 हजार वित्तीय मदद की याचिका खारिज
चेन्नईPublished: Jul 14, 2020 05:57:04 pm
मद्रास हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें तमिलनाडु इन्डिपेन्डेन्ट रेन्टल व्हीकल ओनर्स एंड ड्राइवर्स एसोसिएशन ने परिवहन कर्मचारियों को 15 हजार रुपए की वित्तीय मदद के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार को निर्देश दिलाने की मांग की थी।
provide financial assistance of Rs.15,000- for the transport workers.
चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें तमिलनाडु इन्डिपेन्डेन्ट रेन्टल व्हीकल ओनर्स एंड ड्राइवर्स एसोसिएशन ने परिवहन कर्मचारियों को 15 हजार रुपए की वित्तीय मदद के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार को निर्देश दिलाने की मांग की थी।
न्यायाधीश आर. सुबैया व न्यायाधीश कृष्णन रामासामी की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया। साथ ही इस तरह की अन्य याचिकां भी निरस्त कर दी। न्यायालय ने इसी तरह के पिछले हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ही कहा कि इस तरह के मामलों में पालिसी का निर्णय का काम सरकारों का है। ऐसे मामलों में सरकार को कोई सीधा निर्देश नहीं दिया जा सकता है। अदालत इस तरह का निर्देश नहीं दे सकती कि लोगों को आर्थिक मदद दी जाए। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने इससे पहले दिन निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह क मामले में पहले भी ऐसे मामलों में अधिकारी ही निर्णय लेने के लिए सम्मत है।
टैक्सी मालिक भी बुरी तरह प्रभावित
याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने कहा था कि कोविड-19 के कारम टैक्सी एवं रेन्टल व्हीकल आपरेटर बुरी तरह से प्रभावित हुए है। कई टैक्सी ड्राइवर ही इसके मालिक भी है। टैक्सी मालिक लगातार सरकार को रोड टैक्स व अन्य जरूरी परमिट की फीस समय पर देते आए हैं। ऐसे हालात एवं विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए टैक्सी चालकों एवं रेन्टल व्हीकल मालिकों को वित्तीय मदद मुहैया करवाई जानी चाहिए।
ऋण केवल नए बिजनेस के लिए
एसोसिएसन ने अपनी याचिका में कहा कि प्रधानमंत्री योजना के तहत केवल नए बिजनेस के लिए ही ऋण उपलब्ध कराने की बात कही गई है। ऐसे में नई टैक्सी व आटो खरीदी जा सकती है लेकिन पुराने बिजनस को चालू रखने को लेकर किसी तरह का ऋण नहीं दिया जा रहा है। याचिका में कहा कि टैक्सी चालकों एवं किराए पर लेने वाले वाहनों को भी रिपेयर की जरूरत है और ऐसे में उन्हें भी ऋण उपलब्ध कराया जाए।
ऐसे में किराए पर वाहन लेने वाले तथा टैक्सी वालों के लिए भी योजना में बदलाव किया जाना चाहिए। इसके साथ ही छह महीने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के लिए तिथि बढ़ाने की मांग की। इसके साथ ही परिवहन परमिट वाहनों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना या अन्य किसी योजना के तहत 50 हजार से दो लाख तक की राशि की बिना ब्याज ऋण मुहैया करवाने की मांग की।