पार्टी विधायक धनवेलू का आरोप है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र बागूर के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों मेंदवाओं की अपर्याप्तता को लेकर उनके विरोध प्रदर्शन करने के बाद से ही मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उनको किनारे कर दिया है। उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। पिता-पुत्र जमीन घोटाले में लिप्त हैं और इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। वे पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी व राहुल गांधी से भेंट कर साक्ष्य सौंपेंगे। इस सिलसिले में सोमवार को विधायक ने राजनिवास जाकर उपराज्यपाल किरण बेदी से भेंटकर हलचल मचा दी।
इस पृष्ठभूमि में कांग्रेस विधायकों का कहना है कि पार्टी का संगठन मजबूत है। पार्टी नेतृत्व सोच-समझकर उचित निर्णय करेगा। पार्टी सचेतक अनंतरामन की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक जयमूर्ति, तिपायंतान व विजयवेणी ने मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित किया।
विधायकों ने एक सुर में धनवेलू के आरोपों पर एतराज जताया कि सीएम पद के लिए नारायणसामी को समर्थन देने वाले विधायकों की सूची में उनका हस्ताक्षर तीसरे क्रम पर था। पिछले दो सालों से धनवेलू का कांग्रेस के साथ जुड़ाव नहीं के बराबर है। इस सरकार को गिराने व विपक्ष के नेता रंगसामी के नेतृत्व में सरकार बनाने की उनकी जुगत जारी रही। वे भाजपा के एजेंट हैं। विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने के साथ ही चुनाव के वक्त उन्होंने कोई जमीनी कार्य नहीं किया। उनकी अध्यक्षता वाले संस्थान पॉपस्को की अगर सीबीआई जांच करे तो उनकी असलियत सामने आएगी।
कांग्रेस सचेतक अनंतरामन ने विधायक धनवेलू के उनके निर्वाचन क्षेत्र का विकास नहीं किए जाने के आरोप को झुठलाया कि वहां १०० करोड़ के विकास कार्य चल रहे हैं। बागूर निर्वाचन क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। केवल उत्तेजित होकर बयानबाजी नहीं होनी चाहिए।
पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के बाद भी धनवेलू पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर सचेतक की अध्यक्षता वाले विधायकों के समूह ने कहा कि कांग्रेस सरल पार्टी है। हाईकमान संभलकर और सब्र बरतते हुए निर्णय करता है। पहले पार्टी के भीतर की सुगबुगाहट थी जो अब बाहर आई है। उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।