दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी केन्द्र सरकार एवं उपराज्यपाल पर काम न करने देने का आरोप लगाया था। बाद में केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि उप राज्यपाल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं है। उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद एवं सलाह पर काम करना होगा। भाजपा नेता एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 22 मई 2016 को पुदुचेरी का उप राज्यपाल नियुक्त किया था। वर्ष 2015 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति में प्रवेश किया था।
उपराज्यपाल किरण बेदी का मानना है कि पुदुचेरी की सेवा उनकी लिए काफी चुनौतीपूर्ण हैं। बेदी ने कहा कि कई बार उनके सामने कठिन चुनौतियां भी पेश आई लेकिन राजभवन टीम के अफसरों एवं सभी के सहयोग से उनका हल निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल केवल पद ही नहीं बल्कि अधिकाधिक लोगों की सेवा करने का माध्यम है। बेदी ने कहा कि उनकी टीम के अफसर हर वक्त उनकी मदद के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे में हर दिन पुदुचेरी के लोगों की सेवा और अधिक प्रभावी ढंग से करने का प्रयास किया जाता है। राजनिवास हमेशा लोगों से सोशल मीडिया से जुड़ा रहता है।
कई वर्षों में एक स्वच्छ, सुरक्षित एवं समृद्ध पुदुचेरी देखने को मिला है। बेदी सप्ताहांत में कई क्षेत्रों का दौरा करती हैं। लोगों की बुनियादी सुविधाओं को जांचने के लिए वे खुद निकल पड़ती हंै। उनका कहना था कि प्रदेश की दशा सुधारने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कई बार उन्होंने साइकिल पर भी यात्रा की। उधर नारायणस्वामी बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि केन्द्र की मोदी सरकार लोगों पर अपने फैसले थोप रही है।