इलाज के लिए 40 लाख रुपए की थी जरूरत बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद संक्रमण के कारण बच्चे का प्रत्येक अंग क्षतिग्रस्त हो गया। 14वें दिन किडनी, लीवर, हार्ट एवं लंग्स पूरी तरह से फेल हो गया। उसके बाद उसे इसीएमओ पर रखा गया। चिकित्सकों का कहना है कि दुनिया में केवल 8 बच्चे जिनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया को अब तक इसीएमओ आफर किया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि परिवार बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद का खर्च उठाने में सक्षम नहीं था। इसके लिए 40 लाख रुपए की जरूरत थी। इसके लिए क्राउड फंडिंग कैम्पेन से पैसा जुटाया गया।