scriptईसीएमओ सपोर्ट से बच्चे को मिली नई जिंदगी | Put on ECMO support, baby who underwent Bone marrow transplant for rar | Patrika News

ईसीएमओ सपोर्ट से बच्चे को मिली नई जिंदगी

locationचेन्नईPublished: Oct 28, 2021 11:45:15 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

-चिकित्सकों का दावा देश में ऐसा पहली बार हुआ
-दुनिया भर में अब तक ऐसे आठ मामले
-क्राउड फंडिंग से जुटाए इलाज के पैसे

ईसीएमओ सपोर्ट से बच्चे को मिली नई जिंदगी

ईसीएमओ सपोर्ट से बच्चे को मिली नई जिंदगी

चेन्नई.

दुर्लभ आनुवंशिक कंडीशन (मोनोजेनिक इन्फ्लामेट्री बोवेल) के लिए हुए बोन मैरो ट्रांसप्लांट वाले बच्चे को इसीएमओ (एक्सट्राकोरपोरियल मेम्ब्रेन आक्सीजेनेशन) सपोर्ट से नई जिंदगी मिली है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट पांच महीने पहले किया गया था। रेनबो चिल्ड्रेन्स हास्पिटल के चिकित्सकों ने यह कमाल कर दिखाया है। चिकित्सकों का दावा है कि यह देश में पहला एवं यंगेस्ट चाइल्ड का मामला है जिसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद इसीएमओ से नई जिंदगी मिली है। उनका कहना है कि प्रभावी क्राउड फंडिंग कैम्पेन से बच्चे को मदद मिली। 6 सप्ताह के बच्चे को डायरिया एवं गंभीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में भर्ती कराया गया था। अभिभावकों ने सोचा कि यह सामान्य संक्रमण होगा। लेकिन जांच में यह रेयर मोनोजेनिक इन्फ्लामेट्री बोवेल रोग निकला। इसका एकमात्र इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट था।
इलाज के लिए 40 लाख रुपए की थी जरूरत

बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद संक्रमण के कारण बच्चे का प्रत्येक अंग क्षतिग्रस्त हो गया। 14वें दिन किडनी, लीवर, हार्ट एवं लंग्स पूरी तरह से फेल हो गया। उसके बाद उसे इसीएमओ पर रखा गया। चिकित्सकों का कहना है कि दुनिया में केवल 8 बच्चे जिनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया को अब तक इसीएमओ आफर किया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि परिवार बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद का खर्च उठाने में सक्षम नहीं था। इसके लिए 40 लाख रुपए की जरूरत थी। इसके लिए क्राउड फंडिंग कैम्पेन से पैसा जुटाया गया।
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