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गणपति के कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों पर सवाल

locationचेन्नईPublished: Feb 07, 2018 06:50:17 pm

Submitted by:

Arvind Mohan Sharma

सिंडिकेट सदस्य व शिक्षक संगठनों के सदस्यों का कहना है कि उन्हें गणपति के द्वारा की गई अन्य नियुक्तियों पर भी संदेह है…

bhartiyar univercity
कोयम्बत्तूर. विजिलेंस और ऐंटी करप्शन ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार भारतियार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए. गणपति के कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों पर सवाल उठने लगे हैं। सिंडिकेट सदस्य व शिक्षक संगठनों के सदस्यों का कहना है कि उन्हें गणपति के द्वारा की गई अन्य नियुक्तियों पर भी संदेह है।विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के एक सूत्र के अनुसार संघ गणपति द्वारा की गई नियुक्तियों की स्वतंत्र जांच की मांग कर सकता है। एक वरिष्ठ सिंडिकेट सदस्य ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति व जनजाति कोटे तथा बैकलाग भर्तियों में भारी अनियमितता हुई है। उनके द्वारा की गई 80 से अधिक नियुक्तियों में 90 फीसदी अनियमित हैं। इस मामले पर आगे की कार्रवाई के लिए एक विशेष बैठक आहूत की जाएगी।
विभाग की ओर से इन नियुक्तियों को रोके रहने के लिए कहे जाने के बावजूद उन्होंने यह नियुक्तियां कीं

…अतीत में भी गणपति के द्वारा की गई नियुक्तियों में ढेर सारी विवादास्पद रही हैं। नवम्बर, 2016 में उनके द्वारा 80नियुक्तियां की गईं, जिनपर संदेह है। विभाग की ओर से इन नियुक्तियों को रोके रहने के लिए कहे जाने के बावजूद उन्होंने यह नियुक्तियां कीं। इसके अगले ही महीने एस सरवन कुमार को स्कूल आफ मैनेजमेंट स्टडीज का निदेशक बनाए जाने पर भी कई सवाल उठे थे।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमानुसार पांच साल तक बतौर प्रोफेसर सेवा दे चुके व्यक्ति की ही निदेशक के रूप में नियुक्ति की जा सकती है। सरवन कुमार एक सहायक प्रोफेसर थे। विश्वविद्यालय की ओर से यह कहते हुए उनकी नियुक्ति की गई कि उनके अनुभव को ध्यान में रखा गया है।इसी बीच भारतियार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. षण्मुगपेरूमल सिवासुब्रमणियन का कहना है कि कुलपति शिक्षा की गुणवत्ता पर कम ही ध्यान देते हैं। । उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति की नियुक्ति में 3 से 80 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपी ए गणपति की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि यह अच्छे दिनों का संकेत है।

नियुक्तियां रद्द करने की मांग
इसी बीच भारतीयार विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने कलक्टर हरिहरन से मुलाकात की और भ्रष्टाचार के आरोपी कुलपति प्रोफेसर ए. गणपति के कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की।कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में विद्यार्थियों ने कहा कि उन्होंने एक साल पहले भी प्रोफेसरों व स्टाफ की नियुक्तियों में अनियमितता का मामला मंत्रियों व संबंधित सरकारी अधिकारियों के समक्ष उठाया था लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब भ्रष्टाचार के आरोप में उनकी गिरफ्तारी के बाद यह साबित हो गया कि नियुक्तियों में धांधली हुई है। ऐसे में आवश्यक है कि उनके कार्यकाल में हुई नियुक्तियों को रद्द करते हुए मेरिट के आधार पर नियुक्ति की जाए। विद्यार्थियों का कहना था कि मानव संसाधन विभाग की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जमानत याचिका पर सुनवाई आज
कोयम्बत्तूर. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष अदालत गुरुवार को भ्रष्टाचार के आरोपी भारतीयार विश्वविद्यालय के कुलपति ए गणपति की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। मंगलवार को जब सुनवाई के लिए मामला आया तो जज जॉन मिनो ने सुनवाई गुरुवार के लिए मुकर्रर की। इसी बीच माना जा रहा है कि गणपति के कार्यकाल में हुई कुल 80नियुक्तियों की जांच हो सकती है।
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