scriptआर. के. नगर उपचुनाव तय करेगा तमिलनाडु का राजनीतिक भविष्य | R K Nagar bypoll will decide the political future of Tamil Nadu | Patrika News

आर. के. नगर उपचुनाव तय करेगा तमिलनाडु का राजनीतिक भविष्य

locationचेन्नईPublished: Dec 10, 2017 10:18:26 pm

आर. के. नगर में 21 दिसम्बर को होने वाला विधानसभा उपचुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह उपचुनाव स्वर्गीय जे. जयललिता की राजनीतिक विरासत को आगे ले जान

R. K. Nagar bypoll will decide the political future of Tamil Nadu

R. K. Nagar bypoll will decide the political future of Tamil Nadu

चेन्नई।आर. के. नगर में 21 दिसम्बर को होने वाला विधानसभा उपचुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह उपचुनाव स्वर्गीय जे. जयललिता की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने वाला और प्रदेश की राजनीतिक की दिशा तय करने वाला साबित होगा। मोटे तौर पर उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला है जबकि ५९ उम्मीदवार मैदान में हैं।
मुख्य प्रत्याशी एआईएडीएमके के ई. मधुसूदनन, डीएमके के मरुदु गणेश और शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनकरण हैं। राजनीतिक दलों के अलावा चुनाव आयोग की दृष्टि से भी यह उपचुनाव महत्वपूर्ण है। गत अप्रेल में आयोग को मतदाताओं को जमकर रिश्वत दिए जाने की वजह से उपचुनाव रद्द करना पड़ा था। आयोग इस बार ज्यादा मुस्तैद है। सुरक्षा चाक चौबंद है।

इस क्षेत्र से दो बार पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता विधायक चुनी गई थी। इस बार के चुनाव से जनता यह भी तय करेगी कि जयललिता के स्वर्गवास के बाद एआईएडीएमके को लेकर उनके मन में क्या धारणा है? दरअसल इस चुनाव का नतीजा सिर्फ विधायक चुने जाने तक सीमित नहीं रहने वाला है बल्कि इससे शशिकला परिवार का राजनीतिक भविष्य भी तय होने वाला है।

अभी भी दो खेमों में बंटी पार्टी में से जनता किसे अम्मा के राजनीतिक वारिस के रूप में देखना चाहेगी इसका भी निर्धारण होगा। इस उपचुनाव के नतीजे राज्य सरकार की स्थिरता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

कमी खलेगी जयललिता की

आर.के.नगर उपचुनाव के नतीजे से स्थानीय निकाय चुनाव का रुख स्पष्ट होना है। ऐसा पहली बार होगा जब एआईएडीएमके के पास जयललिता जैसा करिश्माई व्यक्तित्व नहीं होगा। वे पार्टी की एकमात्र स्टार प्रचारक थीं जिनके इर्द-गिर्द चुनाव प्रचार अभियान चलता था। उनके नहीं होने का सीधा असर दिखाई पड़ रहा है। एआईएडीएमके को इस चुनाव को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा।

वहीं डीएमके अध्यक्ष करुणानिधि सार्वजनिक जीवन से दूर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की सियासत में जनता अब किस-किस को अपने नए मुखिया के रूप में देखना चाहती है। यह उपचुनाव का नया नेता तय करेगा। जहां तक मतदाताओं और उम्मीदवारों का सवाल है वे अतिउत्साहित हैं। उनको पूरी उम्मीद है कि गत बार की तरह इस बार भी राजनीतिक दलों की धनवर्षा होगी जिसमें वे तर होंगे। जबकि चुनाव आयोग इस रिश्वतखोरी पर नकेल कसने के लिए कमर कस चुका है।

राजनीतिक समीकरण

यह निर्वाचन क्षेत्र एआईएडीएमके का गढ़ रहा है। गत ४० सालों में ११ बार यहां एआईएडीएमके को जीत मिली है। यदि दिनकरण की जीत होती है तो एआईएडीएमके की फूट और अधिक गहरा जाएगी। अनुकूल होती परिस्थितियों में डीएमके का उपचुनाव में जीत दर्ज करना यह द्योतक होगा कि सत्तारूढ़ पार्टी जनता में विश्वास गंवा चुकी है। ऐसे में डीएमके इस उपचुनाव को सत्ता वापसी के मार्ग के रूप में देख रही है। उपचुनाव के बाद राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव भी होने वाले हैं। डीएमके ने समूचे विपक्ष को उसके समर्थन में लामबंद कर लिया है। टीएमसी एवं डीएमडीके ने अपने को चुनाव से दूर रखने का फैसला किया है।

ये हैं समस्याएं

शिक्षा व स्वास्थ्य की खराब स्थिति
स्कूल ड्राप आउट अधिक
कोडंगयूर यार्ड से उठने वाला धुआं
बस परिवहन
कच्ची बस्तियां और आवासीय तंग
मछुआरों की समस्याएं
कोरुगपेट में एटीएम एवं बैंक शाखाओं की कमी
बारिश के दौरान जलजमाव

क्या कहते हैं मतदाता

यह जयललिता का क्षेत्र रहा है। आमजन को सुविधाएं चाहिए। जो पार्टी उनकी परेशानी में काम आ जाए वही सर्वोपरि है। यहां सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। एक प्रमाण पत्र लेने की बात हो या संशोधन की बिना रिश्वत दिए काम नहीं होता। कार्यालयों में कामकाज ठप पड़ा हुआ है। हर छोटे से छोटे काम के लिए टालमटोल की जाती है। यह सब बंद होना चाहिए। मुकेश कुमार बोहरा, आर. के. नगर।

बार-बार पार्षदों का चुनाव स्थगित हो रहा है। इस कारण पिछले 2-3 साल से कोई काम ही नहीं हुआ है। सारा काम रुका हुआ है। मेट्रो वाटर से पानी नहीं आ रहा है। सडक़ों की स्थिति खराब है। निलेश खींवेसरा, आर. के. नगर।

यहां ड्रेनेज की भारी समस्या है। इसके कारण बारिश में जलजमाव एवं कीचड़ फैल जाता है। सडक़ों की स्थिति दयनीय है। इलाके में यातायात जाम की समस्या अधिक है।
प्रकाश बोहरा, तंडियारपेट कार्पोरेशन कॉलोनी

बारिश के दौरान जल भराव बड़ी समस्या है। इस जल की बचत एवं निकासी के लिए उचित प्रबंधन होना चाहिए। वर्षा जल संचयन इसका समाधान हो सकता है। मिन्ट से लेकर तंडियारपेट तक सडक़ों की चौड़ाई कम होने से यातायात जाम की समस्या है। इस इलाके में जनसंख्या घनत्व अधिक है। देवराज आच्छा, तंडियारपेट

संतोष तिवारी

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