राज्य में फिलहाल किसी को नहीं एनएसजी कमांडो सुरक्षा
चेन्नई. किसी भी वीआईपी के आगे पीछे रहने वाले काले कपड़ो में ढ़के एनएसजी कमांडो अब राज्य में नहीं दिखेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के बाद करुणानिधि ऐसे वीआईपी थे जिन्हें एनएसजी कमांडो की सुरक्षा प्रदान की गई थी। उनके निधन के बाद अब राज्य में कोई भी मंत्री या वीआईपी नहीं है जिसे एनएसजी सुरक्षा मिली हुई है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ए.के. पलनीस्वामी को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। ये सुरक्षा उन्हें पुलिस कमांडो और सीआरपीएफ के जवानों द्वारा दी गई है। इसी तरह बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को भी सीआरपीएफ के जवानों की सुरक्षा है। जयललिता की सुरक्षा में जहां 40 एनएसजी कमांडो थे वहीं करुणानिधि को 22 एनएसजी कमांडो अपनी सेवाएं दे रहे थे। राज्य का खुफिया विभाग पहले किसी भी वीवीआईपी नेता या अन्य हाई प्रोफाइल की जान को खतरे की आशंका के बारे में पता लगाता है और उसके आधार पर उसे किस तरह की सुरक्षा मिलना चाहिए इसकी सिफारिश केंद्रीय खुफिया विभाग को करता है। केंद्रीय खुफिया विभाग वीवीआईपी के लिए खतरे को देखकर उसे एनएसजी सुरक्षा प्रदान करता है। एनएसजी सुरक्षा पाने वाले वीआईपी को पहले जेड प्लस सुरक्षा पाना जरूरी होता है। एनएसजी सुरक्षा में वीवीआईपी के वाहन के आगे पायलट वाहन, पीछे पायलट वाहन, तीन एस्कॉर्ट वाहन और एक जैमर चलता है। यहां ये भी बता दें कि मुख्यमंत्री पलनीस्वामी को उनके पद के कारण जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी और तमिलनाडु के पूर्व उपमुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को वाय प्लस की सुरक्षा दी गई है।