खरीदार कम यह साल काफी चुनौतीपूर्ण है। एक तो अच्छी मिट्टी का न मिलना। वर्तमान में धर्मपुरी प्रशासन ने हमें केवल बैलगाड़ी से मिट्टी का परिवहन करने की अनुमति दी है। इसलिए ट्रैक्टर या ट्रक की तुलना में मात्रा बहुत कम है। मिट्टी लाने के लिए प्रत्येक चक्कर लगाने पर 1000 से 1500 रुपए के बीच खर्च होता है। इसलिए हमारे मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। इसके अलावा झील के तल में मिट्टी की गुणवत्ता कम हो गई है। मौसम भी हम पर मेहरबान नहीं रहा है। पिछले छह महीनों से लगातार बारिश हो रही है और हम अपने उत्पादों को सुखाने में असमर्थ हैं। बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करने के लिए हमें अच्छी धूप की आवश्यकता होती है लेकिन पिछले कुछ महीनों से मौसम में नमी बनी हुई है। वर्तमान में, हम 650 से 700 रुपए में 1000 लैंप बेच रहे हैं। खुदरा बाजारों में हम आकार और ऑर्डर की मात्रा के आधार पर 1 रुपए प्रति पीस और 25 रुपए प्रति पीस के बीच बेचते हैं लेकिन खरीदार कम हैं।
30 साल के सुरेशकुमार, दीयों के कारीगर।
30 साल के सुरेशकुमार, दीयों के कारीगर।