इनका कहना है…
साहुकारपेट की अधिकांश सडक़ें टूटी हुई हैं। इसका मुख्य कारण बारिश और जलजमाव है। बारिश का पानी निकल नहीं पाता और कई दिन तक ऐसे ही सडक़ों पर भरा रहता है जिससे पहले से टूटी हुई सडक़ें और भी जर्जर हो जाती हैं। खराब सडक़ों की हालत यह है कि पैदल चल चलना मुश्किल हो जाता है। सरकार सही समय पर सडक़ों की मरम्मत कराए तो पानी आसानी से निकल जाएगा और जल जमाव की स्थिति भी नही बनेगी।
– गौतमचंद दुगड़, साहुकारपेट े
साहुकारपेट की अधिकांश सडक़ें टूटी हुई हैं। इसका मुख्य कारण बारिश और जलजमाव है। बारिश का पानी निकल नहीं पाता और कई दिन तक ऐसे ही सडक़ों पर भरा रहता है जिससे पहले से टूटी हुई सडक़ें और भी जर्जर हो जाती हैं। खराब सडक़ों की हालत यह है कि पैदल चल चलना मुश्किल हो जाता है। सरकार सही समय पर सडक़ों की मरम्मत कराए तो पानी आसानी से निकल जाएगा और जल जमाव की स्थिति भी नही बनेगी।
– गौतमचंद दुगड़, साहुकारपेट े
महानगर के कुछ इलाकों की सडक़ों की हालत इतनी बुरी है कि उन पर सडक़ कम और गड्ढे ज्यादा दिखते हंै। गड्ढों की वजह से बारिश के दौरान चारों तरफ कीचड़ नजर आता है। ऐसे में पैदल चलने वाले तो दूर वाहन चालकों को भी मशक्कत करनी पड़ती है। पानी से बचने के लिए अगर कोई सडक़ के किनारे चलने की कोशिश करता भी है तो वह संभव नहीं होता, क्योंकि सडक़ किनारे वाहन पार्क होते हैं। वेपेरी के संभवनाथ मंदिर के पास स्थित सडक़ की हालत तो बहुत ही ज्यादा खराब है। ऐसे हालात को देखते हुए सरकार को सडक़ों की मरम्मत पर ध्यान देने की जरूरत है।
-भावना अविनाश जैन, वेपेरी
बारिश से जर्जरित सडक़ों की वजह से आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश के समय तो पानी भर जाता है। जिससे गड्ढ़ों का पता नहीं चलता और बाइक उनमें गिर जाते हैँ जो किसी खतरे से कम नहीं होता। जलजमाव का मुख्य कारण जर्जर सडक़ें हैं। कभी कभी तो पूरे कपड़े खराब हो जाते हैं। सरकार बारिश से निपटने के दावे तो बहुत करती है लेकिन समय पर सही उपाय नहीं करती। ज्यादा बारिश होने पर पेरम्बूर में बिन्नी मिल्स रोड की स्थिति बेहत खराब हो जाती है। सरकार आश्वासन और वादा करने के बजाय अगर काम पर ध्यान दे तो बेहतर होगा।
– पंकज कोठारी, बिन्नी मिल्स