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बारिश ने बिगाड़ी सडक़ों की दशा

locationचेन्नईPublished: Nov 26, 2018 02:39:13 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

– खोखले दिखे सरकार के दावे

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बारिश ने बिगाड़ी सडक़ों की दशा

चेन्नई. एक तरफ राज्य सरकार का दावा है कि मानसून से निपटने के लिए सरकार पूरी तैयारी में है लेकिन हकीकत में नजारा कुछ और ही है। बारिश के समय अगर समतल जगह मिले तो जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना नहीं बने। लेकिन सडक़ों की खराब स्थिति की वजह से जगह-जगह पानी इकटï्ठा हो जाता है। पहले से ही खराब सडक़ें बारिश के दौरान और भी खराब हो जाती हैं। इससे लोगों को आवागमन में जूझना पड़ता है। खराब सडक़ों की वजह से सीवरेज का पानी भी बारिश के पानी में मिल कर जमा हो जाता है। इससे वहां पर आना जाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। साहुकारपेट, पेरम्बूर, बेसन ब्रिज, वेपेरी और व्यासरपाड़ी जीवा सहित कई जगहों पर सडक़ों की स्थिति बेहद खराब है। इसके अलावा इन इलाकों की तंग गलियोंं की सडक़ें भी मरम्मत के लिए तरसती हैं। खराब सडक़ों की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के समय तो लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि सडक़ों के गड्ढों में पूरी तरह से पानी भर जाता है। जलजमाव के बीच जर्जरित सडक़ पर चलना लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है। लोगों का कहना है कि खराब सडक़ों की वजह से बारिश का पानी भी भरा रहता है। इससे अधिकांश क्षेत्रों में गंदगी भी फैलती है। जलजमाव की वजह से कई तरह की बीमारियां भी फैलने लगती है। जर्जर सडक़ के कारण वाहन चालकों के अलावा पैदल चलने वालों को भी काफी परेशानी होती है। जल-जमाव की स्थिति में मजबूरन गंदे पानी से लोगों को गुजरना पड़ता है। ऐसे हालात में रहना मुश्किल हो रहा है। खराब सडक़ों की वजह से लोगों को लगातार जाम से परेशान भी होना पड़ता है। बारिश के समय सडक़ों के गड्ढे तालाब बनते है जिससे वाहन चालक बहुत ही आसानी से वाहन चलाने की कोशिश करते हैं। लोगों की इस कोशिश के कारण घंटों जाम भी लगा रहता है। वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि कौन सा गड्ढा कितना गहरा है। वाहनों की आवाजाही में तो सडक़ पर चलने वाले लोगों को फुहारों के बीच गुजरना पड़ता है। ऐसे हालात के बाद कई बार शिकायत की जाती है लेकिन सरकार की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती। समस्या के प्रति सरकार उदासीन दिख रही है। बारिश होते ही पूरी सडक़ पानी से भर जाती है। सडक़ निर्माण का आश्वासन अब तक पूरा नहीं हुआ है। सडक़ों की स्थिति तो ऐसी है कि बाइक से चलने वालों को घूमते हुए सावधानी से चलना पड़ता है।
इनका कहना है…

साहुकारपेट की अधिकांश सडक़ें टूटी हुई हैं। इसका मुख्य कारण बारिश और जलजमाव है। बारिश का पानी निकल नहीं पाता और कई दिन तक ऐसे ही सडक़ों पर भरा रहता है जिससे पहले से टूटी हुई सडक़ें और भी जर्जर हो जाती हैं। खराब सडक़ों की हालत यह है कि पैदल चल चलना मुश्किल हो जाता है। सरकार सही समय पर सडक़ों की मरम्मत कराए तो पानी आसानी से निकल जाएगा और जल जमाव की स्थिति भी नही बनेगी।
– गौतमचंद दुगड़, साहुकारपेट े

महानगर के कुछ इलाकों की सडक़ों की हालत इतनी बुरी है कि उन पर सडक़ कम और गड्ढे ज्यादा दिखते हंै। गड्ढों की वजह से बारिश के दौरान चारों तरफ कीचड़ नजर आता है। ऐसे में पैदल चलने वाले तो दूर वाहन चालकों को भी मशक्कत करनी पड़ती है। पानी से बचने के लिए अगर कोई सडक़ के किनारे चलने की कोशिश करता भी है तो वह संभव नहीं होता, क्योंकि सडक़ किनारे वाहन पार्क होते हैं। वेपेरी के संभवनाथ मंदिर के पास स्थित सडक़ की हालत तो बहुत ही ज्यादा खराब है। ऐसे हालात को देखते हुए सरकार को सडक़ों की मरम्मत पर ध्यान देने की जरूरत है।
-भावना अविनाश जैन, वेपेरी

बारिश से जर्जरित सडक़ों की वजह से आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश के समय तो पानी भर जाता है। जिससे गड्ढ़ों का पता नहीं चलता और बाइक उनमें गिर जाते हैँ जो किसी खतरे से कम नहीं होता। जलजमाव का मुख्य कारण जर्जर सडक़ें हैं। कभी कभी तो पूरे कपड़े खराब हो जाते हैं। सरकार बारिश से निपटने के दावे तो बहुत करती है लेकिन समय पर सही उपाय नहीं करती। ज्यादा बारिश होने पर पेरम्बूर में बिन्नी मिल्स रोड की स्थिति बेहत खराब हो जाती है। सरकार आश्वासन और वादा करने के बजाय अगर काम पर ध्यान दे तो बेहतर होगा।
– पंकज कोठारी, बिन्नी मिल्स
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