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तत्काल सुनवाई के लिए राजा की याचिका खारिज

locationचेन्नईPublished: Apr 02, 2021 06:49:22 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

राजा के वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता वी. षणमुगसुंदरम ने प्रथम पीठ के समक्ष याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया।

तत्काल सुनवाई के लिए राजा की याचिका खारिज

तत्काल सुनवाई के लिए राजा की याचिका खारिज

चेन्नई. चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वाली डीएमके सांसद ए. राजा की रिट याचिका मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को खारिज कर दी।

आयोग ने राजा के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे के लिए पाबंदी लगा दी है और उनको स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटा दिया है।
राजा के वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता वी. षणमुगसुंदरम ने मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की प्रथम पीठ के समक्ष याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया।

उन्होंने दलील दी कि विषय की तात्कालिकता और चुनाव प्रचार के लिए महज तीन दिनों की संक्षिप्त अवधि बचे होने को ध्यान में रखते हुए अनुरोध पर तत्काल सुनवाई की जा सकती है।
राज्य में छह अप्रेल को विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि चुनाव प्रचार चार अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। लेकिन पीठ ने याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से ‘ना’ कहा।

चुनाव आयोग ने यह पाबंदी मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी की मां के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर लगाई है। आयोग ने राजा को इस मामले में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाने के कुछ घंटे बाद यह कदम उठाया।
चुनाव आयोग ने ए.राजा को 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका
चेन्नई. चुनाव आयोग ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी की मां को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में डीएमके के उपमहासचिव ए. राजा को अगले 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है।
आयोग ने डीएमके के स्टॉर अभियान सूची से ए. राजा के नाम को भी हटा दिया। राजा ने बुधवार को चुनाव आयोग को अंतरिम जवाब दिया था कि एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं द्वारा गलत प्रचार किया जा रहा है और मेरा भाषण संदर्भ से बाहर है।
उसके बाद आचार संहित के उल्लंघन का दोषी पाते हुए आयोग ने राजा के अंतरिम जवाब को असंतोषजनक बताया और महिलाओं पर इस प्रकार की टिप्पणी नहीं करने के लिए आगाह किया था।

वहीं एआईएडीएमके ने ए राजा के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने को लेकर डीएमके की निंदा भी की थी। उसके बाद डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने पार्टी पदाधिकारियों से चुनाव प्रचार के दौरान इस प्रकार की टिप्पणी नहीं करने की अपील की थी।

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