सचिव मुकेशभाई शाह ने कहा पर्यावरण के बारे में बताते हुए कहा हमें इस तरह के अभियान विभिन्न स्थानों पर चलाने चाहिए। कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा हमारे देश में पानी का मुख्य स्रोत मानसून ही है। जंगलों के कटने एवं जलवायु परिवर्तन के कारण अब मानसून का सत्र घट गया है। मानसून के दौरान प्राप्त वर्षाजल को अधिक प्रभावी ढंग से एकत्रित कर उसका जब जरूरत हो तब जीवन रक्षक सिंचाई एवं अन्य रूप में उपयोग किया जा सकता है।
एक्सनोरा इंटरनेशनल उत्तरी चेन्नई के सचिव जे. फतेहराज जैन ने संघ में आए सदस्यों को पर्यावरण बचाने के कई उपाय बताए। उन्होंने कहा जो घर का पानी बाहर व्यर्थ बहता है उसे यदि काम में लिया जाए तो उससे पौधों को बचाया जा सकता है।
रसोईघर से बेकार बहने वाले पानी के उपयोग के बारे में बताया। हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना बन्द करें वरना हालात भयावह होते देर नहीं लगेगी। हम प्रकृति का सम्मान करना सीखें।
कार्यक्रम में महिलाओं एवं बच्चों ने भी भविष्य में पौधे लगाने का संकल्प लिया। आरसीएम जैन संघ के सदस्यों ने इस अभियान की सराहना की। एक-एक पौधा सभी सदस्यों से लगाने का वादा किया। इस अवसर पर सौ पौधे लगाए गए। आरसीएम जैन संघ के भानमल, शांतिलाल, खीमराज, जसराज, पारसमल, कांतिलाल, हीरालाल आदि सदस्यों का सहयोग रहा। हरित प्रदेश कार्यक्रम के तहत पौधरोपण का संकल्प लिया गया।