रजनीकांत ने फिल्म काला के गानों में राजनीतिक बोल की पृष्ठभूमि में कहा कि सही समय अभी नहीं आया है
रजनीकांत ने स्पष्ट कर दिया कि यह फिल्म राजनीति आधारित नहीं है। उन्होंने ऑस्कर अवार्ड नामित वेट्रीमारन की कहानी को इसलिए ठुकरा दिया था कि वह पूरी तरह राजनीतिक घोड़े पर सवार थी।रजनीकांत ने फिल्म काला के गानों में राजनीतिक बोल की पृष्ठभूमि में कहा कि सही समय अभी नहीं आया है। वे क्या कर सकते हैं? भगवान के आशीर्वाद और जनता के समर्थन से तमिलों के लिए अच्छा समय आने की संभावना है। फिल्म पर उन्होंने सफाई दी कि काला राजनीतिक फिल्म नहीं है इसमें केवल थोड़ा सा राजनीतिक अंश है। ऊरीमै मिटपोम गाने के बोल यही संकेत देते है कि हम किसी के आगे नहीं झुकेंगे और हम तब तक शांत नहीं होंगे जब तक हम अपने अधिकार हासिल नहीं कर लेते। उठो और प्राधिकारियों से करो सवाल। डर के हम कहीं के नहीं रहेंगे। यह हमारा आशियाना है।रजनीकांत ने अपने भाषण की शुरुआत में फिल्म शिवाजी (२००७)की सफलता का स्मरण कराया कि उस फिल्म की सफलता समारोह में करुणानिधि ने भाषण दिया था। वे उनकी आवाज और बातें कभी नहीं भुला सकते जो उन्होंने उस दिन कही थी। वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि करुणानिधि की आवाज फिर से सुन सकें।
अपने राजनीतिक विरोधियों को चेतावनी देते हुए रजनीकांत ने कहा कि कुशाग्र लोगों पर विश्वास दिखाएं जो लोग अतिकुशाग्र बनने की कोशिश कर रहे हैं हम से डरकर भागने लगेंगे। उनके भाषण से पहले फिल्म निर्माता और उनके अभिनेता दामाद धनुष ने कहा कि रजनीकांत ही तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
रजनीकांत ने स्पष्ट कर दिया कि यह फिल्म राजनीति आधारित नहीं है। उन्होंने ऑस्कर अवार्ड नामित वेट्रीमारन की कहानी को इसलिए ठुकरा दिया था कि वह पूरी तरह राजनीतिक घोड़े पर सवार थी।रजनीकांत ने फिल्म काला के गानों में राजनीतिक बोल की पृष्ठभूमि में कहा कि सही समय अभी नहीं आया है। वे क्या कर सकते हैं? भगवान के आशीर्वाद और जनता के समर्थन से तमिलों के लिए अच्छा समय आने की संभावना है। फिल्म पर उन्होंने सफाई दी कि काला राजनीतिक फिल्म नहीं है इसमें केवल थोड़ा सा राजनीतिक अंश है। ऊरीमै मिटपोम गाने के बोल यही संकेत देते है कि हम किसी के आगे नहीं झुकेंगे और हम तब तक शांत नहीं होंगे जब तक हम अपने अधिकार हासिल नहीं कर लेते। उठो और प्राधिकारियों से करो सवाल। डर के हम कहीं के नहीं रहेंगे। यह हमारा आशियाना है।रजनीकांत ने अपने भाषण की शुरुआत में फिल्म शिवाजी (२००७)की सफलता का स्मरण कराया कि उस फिल्म की सफलता समारोह में करुणानिधि ने भाषण दिया था। वे उनकी आवाज और बातें कभी नहीं भुला सकते जो उन्होंने उस दिन कही थी। वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि करुणानिधि की आवाज फिर से सुन सकें।
अपने राजनीतिक विरोधियों को चेतावनी देते हुए रजनीकांत ने कहा कि कुशाग्र लोगों पर विश्वास दिखाएं जो लोग अतिकुशाग्र बनने की कोशिश कर रहे हैं हम से डरकर भागने लगेंगे। उनके भाषण से पहले फिल्म निर्माता और उनके अभिनेता दामाद धनुष ने कहा कि रजनीकांत ही तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
नदियों को जोडऩे का सपना
रजनीकांत ने कहा कि उनका सपना है दक्षिण भारत की नदियों को आपस में जोड़ा जाए। केएस रविकुमार की फिल्म लिंगा उन्होंने इसलिए की थी क्योंकि इसकी कहानी आम लोगों की पेयजल की समस्या के निपटारे के लिए बांध के निर्माण को लेकर थी। नदियों के एकीकरण के लिए वे अपनी जान न्यौछावर करने के लिए भी तैयार हैं।
रजनीकांत ने कहा कि उनका सपना है दक्षिण भारत की नदियों को आपस में जोड़ा जाए। केएस रविकुमार की फिल्म लिंगा उन्होंने इसलिए की थी क्योंकि इसकी कहानी आम लोगों की पेयजल की समस्या के निपटारे के लिए बांध के निर्माण को लेकर थी। नदियों के एकीकरण के लिए वे अपनी जान न्यौछावर करने के लिए भी तैयार हैं।
मोदी और रजनीकांत कर सकते हैं कमाल : गुरुमूर्ति
तुगलक पत्रिका के संपादक और वरिष्ठ स्तम्भकार एस. गुरुमूर्ति ने सुपरस्टार रजनीकांत और भाजपा के बीच सेतुबंध का कार्य किया। उनका कहना था कि भाजपा रजनीकांत को सत्तासीन करने में मददगार साबित होगी। वे बोले कि पीएम मोदी और सुपरस्टार रजनीकांत की जोड़ी तमिलनाडु में कमाल कर सकती है। फिक्की के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जिसमें रजनीकांत के राजनीतिक विपक्षी कमल हासन भी थे, गुरुमूर्ति ने कहा कि मोदी की प्रशासनिक कुशलता और रजनीकांत की जनता में लोकप्रियता एकसाथ आ जाए तो तमिलनाडु में चमत्कार हो सकता है। बहरहाल, उन्होंने इस बात को झुठलाया कि वे रजनीकांत को नसीहत दे रहे हैं। लेकिन यह भी चुटकी ली कि अगर जनता ऐसा समझती है तो उनको गर्व होगा। कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन में देरी को लेकर गुरुमूर्ति ने पीएम मोदी पर लग रहे आरोपों से किनारा किया।