याचिकाकर्ता ने कहा कि तमिलनाडु जेल नियमों के नियम 525 के अनुसार मुरुगन को 15 दिन में एक बार लगभग 30 मिनट के लिए अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने दलील दी कि दस दिन से अधिक इस तरह के एकान्त कारावास और अपने रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, जो जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि नलिनी अपनी जेल में भूख हड़ताल पर है। नलिनी की मांग है कि उसे अपनी पति से मिलने दिया जाए। यहां के निकट 21 मई, 1991 को श्रीपेरुम्बुदूर में एक चुनावी रैली में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से संबंधित मामले में मुरुगन और नलिनी के अलावा पांच अन्य दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।