पिछले एक साल के अंदर सरकार ने करीब १ हजार ५०० कैदियों को रिहा कर दिया है। इतना ही नहीं अन्य मामलों में भी अच्छे आचरण के आधार पर कई लोगों को समय से पहले ही रिहा किया जा चुका है। इसी प्रकार राजीव गांधी के हत्यारों को भी विशेषाधिकार प्रदान कर रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जाना माना तथ्य है कि भारतीय संविधान के तहत राज्यपाल के पास स्वतंत्र शक्ति है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे दोहराया भी था, लेकिन उसके बाद भी राज्यपाल कुछ नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में राज्य कैबिनेट ने सातों की रिहाई को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से सिफारिश की थी, लेकिन कई महीने हो गए अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।