हीरावत ने करीब एक साल पहले रतननगर में पुलिस क्वार्टर के निर्माण में भी मदद की थी। पुलिस क्र्वाटर पर करीब 40 लाख की राशि खर्च हुई और हीरावत ने 20 लाख रुपए वहन किए। इन क्वार्टर में 18 कमरे, डाइनिंग हॉल, जिम्नेजियम, अत्याधुनिक किचन की सुविधा है। हीरावत कहते हैं, जब पुलिसकर्मियों ने अपनी तनख्वाह के साथ ही अन्य लोगों से राशि इकट्ठा करके क्वार्टर बनाने की ठानी और उनसे भी संपर्क साधा तो उन्होंने निर्माण की आधी लागत वहन करने की हामी भर दी।
अब अगला कदम…
हीरावत का सपना और बड़ा है। आने वाले वक्त में वे रतननगर को पर्यटन के लिहाज से भारत के मानचित्र पर लाना चाहते हैं। इसके लिए करीब छह से सात करोड़ की राशि खर्च कर इंडोर स्टेडियम, फार्म हाउस, वाट्र फॉल्स, झूले समेत अन्य तमाम सुविधाएं विकसित की जाएगी ताकि पर्यटकों का रुझान बढ़ सके। इससे प्राप्त होने वाली पूरी आय समाजसेवा के कार्य में लगाई जाएगी। इससे इलाके को और डेवलप किया जाएगा।
बनाएंगे हाईटेक गौशाला
हीरावत की रतननगर में हाईटेक व अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त एक गौशाला का निर्माण करने की योजना भी है। इसमें केवल देशी गायें रखी जाएंगी। करीब चार से पांच हजार गायें होंगी। जिनसे रोजाना एक सौ किलो घी इकट्ठा किया जाएगा। वहीं छाछ भी बनाई जाएगी। घी को 1500 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा। इससे प्राप्त समूची राशि भी समाजसेवा के कार्य में लगाई जाएगी।
दुर्घटनाओं में आएगी कमी
बनना चाहते थे चिकित्सक
राजेन्द्र हीरावत ने रतननगर से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। उनकी इच्छा चिकित्सक बनने की थी लेकिन आर्थिक अभाव के चलते पढ़ाई जारी नहीं रख सके और वर्ष 1971 में चेन्नई आ गए। जहां अपने बड़े भाई चैनरूप हीरावत के साथ पीवीसी प्लास्टिक पाइप का बिजनेस शुरू किया। वर्ष 1974 में पीवीसी पाइप की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। वर्ष 1991 में पीवीसी पाइप के लिए कच्चे माल की सप्लाई का काम शुरू किया। वे वेयर हाउस किराये पर भी देते हैं। जरुरतमन्दों की सेवा भावना को लेकर वर्ष 2004 में चेन्नई में हीरावत गेस्ट हाउस खोला जिससे प्राप्त होने वाली समूची आय जरूरतमन्द लोगों की मदद एवं जनकल्याण के कार्य में खर्च की जाती है।
बच्चियों के विवाह में मदद
हीरावत तेरापंथ समाज से आते हैं तथा सेवा कार्यों में सदैव अग्रणी रहते हैं। वे भाजपा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य तथा स्वच्छ भारत विंग की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष हैं। उनका चम्पालाल भंवरलाल हीरावत फाउण्डेशन भी बना है जिसके माध्यम से सेवाकार्य किए जा रहे हैं। राजेन्द्र हीरावत जरूरतमन्द बच्चियों के विवाह में आर्थिक मदद करते हैं। बीमार लोगों के लिए दवाइयों एवं आर्थिक मदद के लिए भी सदैव तत्पर रहते हैं।
हरिजन समाज के लिए अम्बेडकर भवन
अपनी जन्मभूमि रतननगर के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। अपने गांव को सुन्दर बनाने को लेकर उन्होंने हर तरह से सहयोग किया। अपने गांव से उनका नाता लगातार बना हुआ है। हर साल तीन से चार बार अपने गांव जरूर जाते हैं। वर्ष 1997-98 में उन्होंने अपने गांव में करीब एक किमी लम्बी दूरी तक डिवाइडर लगवाया। डिवाइडर करीब आठ फीट चौड़ा है। जहां लाइटिंग, म्यूजिक, ग्रीनरी का निर्माण भी करवाया। बच्चों के खेलकूद के लिए मैदान भी बनवाया। वर्ष 2002 में रतननगर में सात सौ सीएफएल लाइटें लगवाई। बचपन में सिर पर मैला ढोने वाले समाज को देखा तो रतननगर में अम्बेडकर भवन का निर्माण करवाया जिसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया है।