रीडर्स फेस्ट : राज राजचोलन और हजार साल पुराना तंजावुर का बृहदीश्वर मंदिर
चेन्नईPublished: Jul 05, 2023 04:28:35 pm
- डॉ. दिलीप धींग
चोल वंश के लोकप्रिय राजाओं में से एक थे राज राजचोलनचार संस्कृतियों की झलक दिखती है बृहदीश्वर मंदिर में


रीडर्स फेस्ट : राज राजचोलन और हजार साल पुराना तंजावुर का बृहदीश्वर मंदिर
चेन्नई. चोल राजवंश में सम्राट राज राजचोलन ने वर्ष 985 से 1014 तक लगभग 29 वर्षों तक शासन किया। राजचोलन एक कलाप्रेमी और शिव उपासक राजा थे। शिवभक्त होने के बावजूद वे उदार धार्मिक सहिष्णु थे। उनका विश्वास था कि जो वंदनीय है, उसके आगे झुकने से हमारा गौरव घटता नहीं, अपितु बढ़ता है। उनके शासनकाल में जैनों और बौद्धों ने तमिल साहित्य की श्रीवृद्धि में योगदान किया। भगवान शिव को समर्पित बृहदीश्वर मंदिर में तमिल, आंध्र, श्रीलंका तथा मराठा संस्कृतियों की झलक दिखाई देती है। इस सम्बन्ध में डॉ. कन्हैयालाल मुंशी ने ठीक ही लिखा कि जब महमूद उत्तर भारत को रौंद कर लूट रहा था, तब भारतीय इतिहास का एक प्रमुख राजा राज राजचोलन एक शक्तिसंपन्न साम्राज्य की आधारशिला रख रहा था। अनेक प्रदेशों को जीतने के बाद उन्होंने कुशल प्रशासन से जनता को सम्पन्न समृद्ध किया था। कला और साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी। इसलिए उन्होंने तंजावुर में बृहदीश्वर मंदिर की स्थापना की, जो भारतीय शिल्पकला की एक अनुपम कृति है। मृत्य के समय वे समस्त दक्षिण भारत के राजा थे। मालद्वीप, श्रीलंका तथा आंध्रप्रदेश के कुछ क्षेत्रों पर भी उनका शासन था।