स्वागत भाषण में अध्यक्ष डॉ. सु. कृष्णचंद चोरडिय़ा ने हिन्दी के लिए उद्देश्यपरक होकर कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्य वक्ता मेघाणी एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन को साहित्य भेंट किया। साहित्यकार डॉ. दिलीप धींग ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। रा. कृष्णमूर्ति ने आभार जताया। संचालन सचिव जे. अशोककुमार शास्त्री एवं रा. कृष्णमूर्ति ने धन्यवाद ज्ञापित किया।