भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) के अधिकारियों के अनुसार इन देशों से खोई हुई मूर्तियों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया है। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के नेशनल गैलेरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (एनजीएस) ने पुष्टि की थी कि तमिलनाडु पुलिस की मूर्ति विंग की सूची में सम्मिलित चुराई गई चार मूर्तियां उसके पास हैं। इन मूर्तियों में 1000 साल पुरानी नंदी की मूर्ति, संत संबदर की 12 सदी की मूर्ति, ग्यारहवीं सदी की काली की मूर्ति के साथ ही त्रिशूल भी शामिल है। ये मूर्तियां चोल युग और विजयनगर साम्राज्य की धरोहर हैं।
कुछ महीने पहले तक इस बाबत एनजीएस से संपर्क करने की कोशिश की जा रही थी पर ऑस्ट्रेलिया से इन मूर्तियों के आदान प्रदान के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। एएसआई का कहना है कि अमेरिका के साथ भी यही मामला है। वहां अलग अलग निजी और सरकारी संग्रहालयों में लगभग 22 मूर्तियां हैं जो तमिलनाडु के मंदिरों से चुराकर तस्करी की गई थी और जिन्हें चिन्हित किया जाना है। अमेरिका में भारतीय दूतावास को यह बताया गया कि होमलैंड सिक्योरिटी इसका पता लगा रही है लेकिन अमेरिकन अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस विषय में कोई प्रगति होती नजर नहीं आ रही है।
गौरतलब है कि जून 2016 में होमलैंड सिक्योरिटी ने एक दर्जन मूर्तियां लौटाई थी जिसमें राज्य के 12 सदी के संत मणिक्कवसागर व 1000 साल पुरानी गणेश की प्रतिमा शामिल थी। ये मूर्तियां अरियलूर जिले के श्रीपुरुंडन गांव के मंदिर से चुराई गई थी। इससे पहले भूदेवी और चक्रतलैवर की मूर्तियां वापिस लौटाई गई थी।