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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय छात्रों को चिकित्सा प्रवेश में होरिजोन्टल आरक्षण देने के पक्ष में नहीं

locationचेन्नईPublished: Jan 24, 2021 01:29:03 pm

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय छात्रों को चिकित्सा प्रवेश में होरिजोन्टल आरक्षण देने के पक्ष में नहीं

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चेन्नई. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह सरकारी स्कूलों के छात्रों को चिकित्सा प्रवेश में होरिजोन्टल आरक्षण देने के पक्ष में नहीं है। मंत्रालय ने बताया कि सरकारी स्कूल के लिए छात्रों को तमिलनाडु में मेडिकल प्रवेश के लिए 7.5फीसदी होरिजोनटल आरक्षण प्रदान किया गया है। मंत्रालय ने न्यायमूर्ति बी पुगलेंधी के समक्ष अपनी बात रखी। वे पुदुचेरी की एक छात्रा सुब्बुलक्ष्मी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा
केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी के छात्रों को एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों से 10 फीसदी होरिजोन्टल आरक्षण लागू करने की योजना को मंजूरी देने की मांग की थी। केंद्र शासित प्रदेश के कैबिनेट के फैसले ने सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए एक अलग कोटा प्रदान करके नीट की मेरिट को कम कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 दिसंबर, 2020 को एक कार्यालय ज्ञापन की वीडियोग्राफी की, जिसमें मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राज्य कोटे की सीटों में सरकारी स्कूलों के छात्रों को होरिजोन्टल आरक्षण देने के प्रस्ताव पर असहमति जताते हुए अवगत कराया। केंद्र सरकार के वकील ने विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। न्यायाधीश ने सुनवाई को 25 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया।
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