लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुए अभिभावकों की समस्याओं को भी देखना जरूरी है। इस संकटकाल के दौरान काफी लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। प्रस्तुति को सुनने के बाद न्यायाधीश ने शिक्षण संस्थानों को शुल्क का संग्रह करने के लिए एक फार्मूला के साथ एक विस्तृत प्रतिनिधित्व बनाने का निर्देश दिया। लॉकडाउन से प्रभावित जनता की समस्याओं को देखते हुए शिक्षण संस्थान या तो किस्त या किसी अन्य तरीके से फीस प्राप्त करने पर विचार करें। साथ ही कोर्ट ने राज्य को जल्द से जल्द प्रतिनिधित्व पर विचार कर आगामी 6 जुलाई तक कोर्ट को जवाब देने का निर्देश दिया।