मुख्यमंत्री CM ईके पलनीस्वामी ने पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है कि कर्नाटक Karnataka के कावेरी cuavery नीरवारी निगम नियमिता (CNNN ) को मेकेडाटू संतुलन बांध व पेयजल water कार्यक्रम की संदर्भ शर्तें तैयार करने के लिहाज से भेजे गए प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी जाए।
चेन्नई. मुख्यमंत्री CM ईके पलनीस्वामी ने पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है कि कर्नाटक
Karnataka के कावेरी cuavery नीरवारी निगम नियमिता (CNNN ) को मेकेडाटू संतुलन बांध व पेयजल water कार्यक्रम की संदर्भ शर्तें तैयार करने के लिहाज से भेजे गए प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी जाए।
सीएम ने पत्र में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखा कि २४ जून को उन्होंने अनुमति नहीं दिए जाने की मांग की थी। लेकिन अब उनको पता चला कि वन व पर्यावरण मंत्रालय के अधीन नदी घाटी व हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने कर्नाटक के उक्त प्रस्ताव को १९ जुलाई को होने वाली बैठक में शामिल किया है।
पलनीस्वामी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि समिति का यह कदम कावेरी नदी जल विवाद ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन है। तमिलनाडु tamilnadu सरकार लगातार इस बारे में केंद्र सरकार से विरोध दर्ज करा रही है कि मेकेडाटू प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि यह कावेरी पंचाट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। कर्नाटक Karnataka ने इस परियोजना को लेकर तमिलनाडु
Tamilnadu अथवा कावेरी बेसिन के अन्य राज्यों से भी पूर्व सहमति हासिल नहीं की है।
सीएम ने लिखा कि कावेरी बेसिन में जल water की कमी है। नदी प्रवाह के ऊपरी क्षेत्र में मेकेडाटू बांध अथवा अन्य किसी परियोजना से निचले क्षेत्र के राज्यों को उनके हिस्से का पानी नहीं मिल सकेगा।तमिलनाडु tamilnadu ने आला अदालत में इस सिलसिले में इंटरलोक्यूटरी (वादकालीन) अर्जी तथा उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ अवमानना की याचिका लगाई है। ये मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं।
पलनीस्वामी ने इन परिस्थितियों का हवाला देते हुए अनुरोध किया कि वन व पर्यावरण मंत्रालय नदी घाटी की एक्सपर्ट कमेटी को निर्देश दें कि वह मेकेडाटू बांध की संदर्भ शर्तों के प्रस्ताव को बैठक में शामिल नहीं करे। साथ ही कमेटी को ताकीद की जाए कि वह भविष्य में कर्नाटक Karnataka के इस तरह के प्रस्तावों को तरजीह नही दे और मौजूदा प्रस्ताव को खारिज करते हुए कर्नाटक को लौटाए।