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कारोबार के बाद गोसेवा में जुटे रिखबचंद

locationचेन्नईPublished: Sep 14, 2018 12:05:35 am

Submitted by:

arun Kumar

कई अस्पतालों में लगवाई प्लाऊ

rikhabchand After business converged in Goseva

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चेन्नई : राजस्थान की मिट्टी में जन्म लेने वाले लोगों की खासियत है कि वे भले ही गरीब या मध्यम वर्गीय परिवार में ही जन्में हो लेकिन आगे बढऩे का हुनर उनमें कूट कूटकर भरा होता है। इतना ही नहीं अपने पारिवारिक एवं जन्मभूमि के संस्कारों को भी वे हमेशा अपने से जोड़े रहते हैं। ऐसी ही शख्सियत हैं रिखबचंद बोहरा, जिन्होंने दसवीं की पढ़ाई पूरी कर व्यवसाय के लिए चेन्नई की ओर रुख किया और अपनी मेहनत के बूते व्यवसाय कर उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया। पेश है चेन्नई से धन्नालाल व विशाल की उनसे खास बातचीत….
कारोबार जमाकर समाजसेवा में रम गए

वर्ष 1948 में राजस्थान के पाली जिले के कुशालपुरा में जन्में रिखबचंद बोहरा ने आठवीं तक की पढ़ाई गांव की सरकारी स्कूल में पूरी करने के बाद पास के गांव रायपुर स्थित हायर सेकंडरी स्कूल से दसवीं पास की। इसके बाद वर्ष 1964 में चेन्नई पहुंच गए जहां एक रिश्तेदार के पास रहकर तीन महीने तक गिरवी का काम सीखा और बाद में गिरवी का व्यवसाय शुरू किया। वर्ष 1988 में अपने पुत्रों राजेश बोहरा दिलीप बोहरा के नाम से फाइनेंस का व्यवसाय शुरू किया। इसके बाद वे पूरी तरह सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में लग गए।
सामाजिक संस्थाओं में कई पदों पर रहे

रिखबचंद अनेक संस्थाओं से जुड़े हैं। वे सबसे पहले वर्ष 1988 में कुशालपुरा जैन एसोसिएशन की दक्षिण भारत इकाई के मंत्री बने और वर्तमान में उसके अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वडपलनी जैन संघ में कोषाध्यक्ष रहने के बाद अध्यक्ष रहे। महावीर इंटरनेशनल चेन्नई मेट्रो के डिप्टी चेयरमैन, श्री राजस्थानी जैन एजूकेशनल चेरिटेबल ट्रस्ट व राजस्थानी महावी इंटरनेशनल रेजीडेंसी स्कूल के ट्रस्टी, अखिल भारतीय जयमल जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री ओसवाल जैन जैतारण पट्टी के संयोजक रहने के अलावा वर्तमान में ब्यावर एसोसिएशन एवं मरुधर केशरी जैन गौशाला कुशालपुरा के अध्यक्ष हैं।
पैतृक गांव में गौशालाएं बनवाईं

रिखबचंद बोहरा ने पैतृक गांव कुशालपुरा में मरुधर केशरी जैन गौशाला में स्टाफ क्वार्टर्स, प्याऊ व शेड एवं स्कूल में कमरे बनाए। जैतारण पावन धाम एवं ब्यावर में गौशाला में शेड व कॉलेज में कमरे अमराव-अर्चना गेस्ट हाउस में कमरे और अटपड़ा में रूप रजत गौशाला में शेड बनवाया। चेन्नई के वडपलनी जैन भवन में कार्यालय व डिस्पेंसरी, कोयम्बेडु बस टर्मिनस एवं सरकारी गवर्नमेंट हॉस्पिटल में प्याऊ लगवाई। तिरुतनी हाई स्कूल जो अभी बनकर तैयार हुआ है उसमें भी सहयोग किया है। बोहरा अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम एवं स्कूलों में जरूरतमंदों के लिए समय-समय पर सहयोग देते रहते हैं।
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