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वाइको और कांग्रेस के बीच बढ़ती रार

locationचेन्नईPublished: Aug 09, 2019 02:58:01 pm

Submitted by:

shivali agrawal

Tamilnadu से राज्यसभा सांसद और एमडीएमके महासचिव वाइको और तमिलनाडु कांग्रेस के बीच तनातनी शुरू हो गई है।

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वाइको और कांग्रेस के बीच बढ़ती रार

चेन्नई. राज्यसभा सांसद और एमडीएमके महासचिव वाइको और तमिलनाडु कांग्रेस के बीच तनातनी शुरू हो गई है। इसका श्रेय वाइको के राज्यसभा में अनुच्छेद-३७० को हटाने के संकल्प पत्र और विधेयक पर बहस के दौरान दिए गए भाषण को जाता है। वाइको ने उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू और कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
वाइको के उस भाषण पर तमिलनाडु कांग्रेस ने कड़े तेवर दिखाए हैं। पार्टी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में अगर हम अप्रत्यक्ष रूप से वाइको को समर्थन नहीं देते तो वे नहीं चुने जाते। वाइको ने भी पलटवार में कहा कि कांग्रेस के समर्थन से वे राज्यसभा नहीं गए हैं।
फोटो अलगिरि
कश्मीर मसले पर वाइको से बहस को तैयार : अलगिरि
तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. एस. अलगिरि ने कहा कि कश्मीर मसले पर कांग्रेस और स्वर्गीय नेहरू ने क्या गलत कदम उठाया अगर वाइको यह साबित करते हैं तो उनसे खुली बहस को तैयार हैं। यहां गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने वे हमेशा से वाइको और उनके भाषणों को पसंद करते आए हैं। एनएमके नेता सीमॉन ने जब वाइको को गैरतमिल कहा था तब सबसे पहले आपत्ति उन्होंने ही उठाई थी।
अलगिरि ने सवाल किया कि कश्मीर मसले पर राज्यसभा में हुई बहस में शामिल वाइको ने विषय पर बोलने के बजाय बेवजह कांग्रेस को क्यों घसीटा? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की खुशामद करने ही वाइको ने ऐसा भाषण दिया।
वाइको को राज्यसभा सांसद बनाए जाने पर अलगिरि ने कहा कि अगर कांग्रेस के आठ विधायक डीएमके की इस पेशकश का विरोध करते तो क्या वे राज्यसभा पहुंच पाते? हमारी मौन सहमति और अप्रत्यक्ष वोट से ही वे राज्यसभा के लिए चुने गए।
अलगिरि ने दावा किया कि नेहरू की वजह से ही कश्मीर भारत का हिस्सा बना। नेहरू की प्रशंसा करने के बजाय वाइको मोदी की तारीफ कर रहे हैं। अगर वाइको कश्मीर मसले पर कांगे्रस और नेहरू की गलती बताएं तो वे इसका जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने वाइको को चेतावनी दी कि डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन द्वारा बनाए गए इस अनोखे गठबंधन को वे तोडऩे की कोशिश नहीं करें।
फोटो वाइको
आधी समझ वालों को जवाब देना गैरजरूरी : वाइको
तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के आरोप का उपहास करते हुए एमडीएमके महासचिव वाइको ने कहा आधी समझ वालों को जवाब देना गैरजरूरी है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में कश्मीर से विशेष दर्जा छीनने के मसले पर हुई बहस में वाइको ने कांग्रेस की आलोचना की थी। उनके विचार से तमिलनाडु कांग्रेस के नेता भडक़े हुए हैं। कांग्रेस नेता के. एस. अलगिरि ने कहा कि हमारी बदौलत ही वाइको राज्यसभा गए हैं।
वाइको ने गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट के परिसर में अलगिरि के आरोपों को हंसते हुए टाल दिया कि वे आधी बुद्धि वालों को जवाब नहीं देना चाहते हैं। वाइको बोले कि डीएमके विधायकों के समर्थन से ही वे राज्यसभा पहुंचे हैं। डीएमके के पास १०८ विधायक हैं। तीन सांसदों के लिए १०२ विधायकों का समर्थन काफी था। उनके नामांकन पत्र में भी डीएमके के दस विधायकों के दस्तखत हैं। इसमें एक भी हस्ताक्षर कांग्रेस विधायक का नहीं था। करुणानिधि ने उनको तीन बार राज्यसभा सांसद बनाकर सम्मान दिया था। लिहाजा वे एक बार भी कांग्रेस की वजह से सांसद नहीं बने और अब बनेंगे भी नहीं।
राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस नेता से कहा कि अगर आपको मुझ पर निजी तौर पर गुस्सा या ईष्र्या है तो कुछ और आरोप लगाइये। लेकिन ऐसी बयानबाजी को टाला जाना चाहिए। इस तरह के आधी बुद्धिवालों को वे जवाब नहीं देना चाहते। कांग्रेस ने बहुत बड़ी गद्दारी की है। कांग्रेस ही ईलम में नरसंहार की जिम्मेदार है।
वाइको ने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ को लेकर अलगिरि के बयान पर कहा कि कुछ कांग्रेसियों ने तो संकल्प पत्र और विधेयक पर वोटिंग तक नहीं की। क्या इसका यह आशय निकाला जाए कि उन्होंने रुपए लिए हैं?
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