इस बीच जस्टिस एम. निर्मल कुमार की कोर्ट आर. एस. भारती को निचली कोर्ट द्वारा दी गई जमानत रद्द करने संबंधी याचिका पर शनिवार को फैसला सुनाएगी।
ए. एंथोनी रॉय ने कहा कि १४ फरवरी को अंदरुनी बैठक में भारती ने कथित रूप से एससी-एसटी समुदाय खासकर इस वर्ग के मद्रास हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। डीएमके नेता का कहना था कि एससी-एसटी समुदाय के जजों की नियुक्ति उनकी योग्यता की वजह से नहीं अपितु स्वर्गीय एम. करुणानिधि के प्रयासों का नतीजा रही।
यह दावा सरासर जजों की अर्हता व योग्यता पर सवाल है। भारती के उक्त कथन कोर्ट की अवमानना की धारा २ सी के तहत दण्डनीय है। एंथोनी ने एएजी विजय नारायण से अपील की कि आर. एस. भारती के खिलाफ अदालत की अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जाए।