उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के मामलों में किसी प्रकार के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। तमिलनाडु का यह निर्णय उस वक्त सामने आया है जब एक दिन पहले ही कर्नाटक सरकार ने केरल से कर्नाटक में आने वालों के लिए आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी थी। सुब्रमणियम ने कहा केरल में वृद्धि के बाद तमिलनाडु में भी नए मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है।
पहले जैसी स्थिति को रोकने के उद्देश्य से तमिलनाडु में भी केरल से आने वालों के लिए निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तीसरी लहर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी है। पिछले कुछ दिनों से नए मामलों में वृद्धि के साथ ही आरटी पीसीआर परीक्षण में भी वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा कि मामलों में वृद्धि होने के बावजूद दुर्भाग्य की बात यह है कि लोग मास्क और सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं।
लोग राज्य में प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र भी दिखा सकते हैं। इससे पहले मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव के साथ चेन्नई के हवाईअड्डे का दौरा कर कोरोना स्क्रिनिंग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केरल से विमान, ट्रेन या रोड से कर्नाटक में प्रवेश करने वालों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना होगा। रिपोर्ट दिखाने वालों को ही राज्य में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। वे कोविड टीकाकरण का प्रमाणपत्र भी दिखा सकते हैं, लेकिन दूसरे डोज के 14 दिन पूरे होने चाहिए। सुब्रमणियम ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं उन जिलों के कलक्टरों और स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों को सख्ती से नजर रखने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही राज्य के चिकित्सा एवं लोक कल्याण सचिव राधाकृष्णन ने जनता से अपील की थी कि वह यह नहीं सोचे कि कोरोना के मामले घटने से महामारी खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा कलैवनार अरंगम में कोरोना जागरूकता शृंखला अभियान और लघु फिल्म अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वे पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा तीसरी लहर पर निजी तौर पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है। यह केवल स्वास्थ्य विशेषज्ञों के विचारों पर आधारित हो सकती है।