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चेन्नई

तनावपूर्ण हालातों के बीच संदीप नंदूरी ने संभाली कमान

स्टरलाइट प्लांट के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में अब तक १३ जनों की मौत हो चुकी है। इस विकट परिस्थिति में…

चेन्नईJun 14, 2018 / 10:23 pm

मुकेश शर्मा

Sandeep Nanduri takes over the stressful situation

Sandeep Nanduri takes over the stressful situation

तुत्तुकुड़ी।स्टरलाइट प्लांट के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में अब तक १३ जनों की मौत हो चुकी है। इस विकट परिस्थिति में तिरुनेलवेली जिला कलक्टर रहे संदीप नंदूरी ने गुरुवार को तुत्तुकुड़ी के नए कलक्टर का कार्यभार संभाला। सरकार ने बुधवार को कलक्टर एन. वेंकटेश का तबादला कर दिया था।

कार्यभार संभालने के बाद संदीप नंदूरी ने पत्रकारों से कहा कि उनकी प्राथमिकता जिले में तुरंत प्रभाव से हालात सामान्य करने की है। वे नए एसपी मुरली रंभा के साथ मिलकर आंदोलनकारियों से वार्ता करेंगे। ताकि कानून-व्यवस्था बहाल की जा सके।

जिला कलक्टर ने कहा कि शहर में अभी भी तनाव की स्थिति है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है और धारा १४४ लगाई गई है। अगर मृतकों की संख्या बढ़ती है तो वे मीडिया को अवगत कराएंगे। वे अगले २ दिन में स्थिति को नियंत्रण में ले आएंगे।

किसके आदेश पर फायरिंग?

किस अधिकारी के कहने पर पुलिस ने फायरिंग शुरू की के सवाल पर कलक्टर का जवाब था कि न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। ऐसे में कुछ भी कहना आयोग के औचित्य को गलत साबित करना होगा। ७० लोगों के पुलिस गिरफ्त में होने पर उनकी प्रतिक्रिया थी कि इसकी उनको खबर नहीं है। पुलिस अधिकारियों से चर्चा के बाद ही इस प्रश्न का जवाब दे सकेंगे। इस बीच पुलिस कार्रवाई का शिकार हुए एक शख्स सेल्व शेखर (४२) की अस्पताल में बुधवार रात मौत हो गई। वह पुलिसकर्मियों की लाठीचार्ज से गंभीर घायल हो गया था। शेखर की मौत के साथ मृतक संख्या तेरह हो गई।

१०० दिन किया आंदोलन लेकिन सरकार वार्ता के लिए आगे नहीं आई

यहां स्टरलाइट प्लांट के विरोध हुए उग्र प्रदर्शन पर हुई पुलिस फायरिंग व कार्रवाई के बीच आंदोलनकारियों का आरोप है कि वे करीब १०० दिन तक शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते रहे लेकिन सरकार शांतिवार्ता के लिए आगे नहीं आई। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जिला प्रशासन ने इस प्लांट को लेकर जनता को जागरूक भी नहीं किया।

स्थानीय ग्रामीण व आंदोलन समिति के कार्यकर्ता कुमाररेड्डीपुरम राजकुमार ने आरोप लगाया राज्यभर में स्टरलाइट प्लांट का मुद्दा गर्माने के बाद भी जिला प्रशासन ने हमें वार्ता के लिए नहीं बुलाया। हमसे बातचीत करने के बजाय विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए गलत मार्ग अपनाया गया। प्रशासन को २२ मई के प्रदर्शन के बारे में मीडिया के जरिए पहले ही बता दिया गया था।

इस प्रदर्शन को दबाने की कोशिश के तहत हमारे नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए और आंदोलन को दो फाड़ करने के भी उपाय हुए। इसके अलावा उनके प्रदर्शन के दौरान हर बार जिला कलक्टर एन. वेंकटेश (तबादला हो चुका है) यही कहते थे कि वे इस मसले से सरकार को अवगत कराएंगे। उन्होंने पुलिस फायरिंग की आलोचना की कि प्रदर्शनकारी निहत्थे थे। हमारा मकसद केवल कलक्ट्रेट का घेराव था और हम वहां तब तक प्रतीक्षा करते जब तक कि सरकार स्टरलाइट प्लांट को बंद करने का आदेश नहीं दे देती।

तिरुनेलवेली के पूर्व सांसद एसएस रामसुब्बु ने एक कड़े आरोप में इस फायरिंग की तुलना १९१९ के जलियांवाला बाग काण्ड से कर दी। उनका कहना था कि ब्रिटिश सेना ने भी अंत में फायर किया था। इस विवाद का निपटारा केवल संवाद से हो सकता है।

उन्होंने सवाल किया कि बिना जागरूकता अभियान चलाए और प्रदर्शनकारियों से वार्ता किए बगैर जिला प्रशासन १०० दिनों तक क्या कर रहा था? यह अस्पष्ट है कि पुलिस ने जिला कलक्टर का घेराव करने जा रहे आंदोलनकारियों पर फायरिंग क्यों की? पूर्व सांसद ने कहा कि स्टरलाइट प्लांट के खिलाफ आंदोलन तीन साल से चल रहा है।

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