साथ ही सीबीआई ने कहा सभी पुलिसकर्मी पिता पुत्र पर हमला करने के मामले में लिप्त थे। मुुरुगन, मुत्तुराज और थॉमस ने गत अगस्त माह में पहली जमानत याचिका दायर की थी। उस पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि मुरुगन ने पिता पुत्र के खिलाफ गलत आरोप लगाया था और मुत्तुराज ने गवाह के तौर पर शिकायत पर हस्ताक्षर की थी। इसके अलावा थॉमस दरवाजे के पास खड़ा होकर यह देख रहा था कि कोई पुलिस स्टेशन के अंदर ना आ पाए। जिसके बाद कोर्ट ने कहा था कि मामले की जांच के बीच जमानत प्रदान नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने याचिका को वापस ले लिया था।