scriptआत्मज्ञानी पुरुषों का समागम है सत्संग | Satsang is a social gathering of enlightened men | Patrika News

आत्मज्ञानी पुरुषों का समागम है सत्संग

locationचेन्नईPublished: May 22, 2019 02:13:09 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

साध्वी डॉ. हेमप्रभा ‘हिमांशु’ ने कहा कि गुणी पुरुषों में गुणों को देखना कठिन है, दिखने के बाद अपने मुंह से प्रकट करना कठिन है, तो उन गुणों को स्वीकार करना और भी अधिक कठिन है।

news,Chennai,Tamilnadu,Special,Breaking,

आत्मज्ञानी पुरुषों का समागम है सत्संग

चेन्नई. ट्रिप्लीकेन स्थित महावीर भवन में विराजित साध्वी कंचन कंवर व डॉ. सुप्रभा के सान्निध्य में साध्वी डॉ. हेमप्रभा ‘हिमांशु’ ने कहा कि गुणी पुरुषों में गुणों को देखना कठिन है, दिखने के बाद अपने मुंह से प्रकट करना कठिन है, तो उन गुणों को स्वीकार करना और भी अधिक कठिन है।
सत्संग द्वारा ही हम गुणी बन सकते हैं। सत्संग कई तरह का होता है। अपनी आत्मा का परिचय करना भी सत्संग है तो आत्म-ज्ञान प्राप्त महापुरुषों का समागम करना भी एक सत्संग है। सत्संग से गुणी पुरुषों के गुणों को हम धारण कर सकते हैं। जैसा संग होता है वैसा रंग दिखाई देता है। गुणी पुरुषों की संगति से गुण आते हैं और व्यसनी अगुणी के सामीप्य से व्यसन ही पनपते हैं। अत: हमें सदा सत्संगी-सद्गुणी पुरुषों का ही समागम करना चाहिए।
साध्वी डॉ. इमितप्रभा ने कहा कि पूरे ब्रह्माण्ड में जड़-चेतन की सत्ता है। इस संसार में जीव-अजीव दो तत्व हैं। दोनों तत्व में अच्छाई व बुराई निहित है। जैसे गुलाब के पौधे में पुष्प भी हैं तो कांटे भी हैं, कमल के साथ कीचड़ भी है। कस्तूरी जीवनदायिनी है लेकिन बदसूरत है। इसी प्रकार मानव में भी गुण अवगुण अच्छाई-बुराई दोनों है लेकिन हमें हंसदृष्टि रखकर दूध रूपी गुण को ग्रहण कर पानी रूपी बुराई को छोडऩा है।
साध्वी कंचन कंवर व डॉ. सुप्रभा अन्य सहवर्तिनी साध्वीवृंद के साथ बुधवार सवेरे महावीर भवन, ट्रिप्लीकेन से विहार कर हेमराज सिंघवी जैन स्थानक, रायपेट्टा, पहुंचेंगी। यहां ९.३० से प्रवचन होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो