मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमणा, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हीमा कोहली की बेंच ने स्थानीय निकाय चुनाव करवाने के लिए आयोग द्वारा समय बढ़ाने की मांग पर निर्देश जारी किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन चुनाव आयोग द्वारा मोहलत मांगे जाने पर सहमत हुए। इस पर सीजेआई रमणा ने उनसे कहा कि विल्सन जी, आपने चुनाव के लिए याचिका दायर की थी, अब आप स्थगित कराना चाहते हैं।’ जवाब में पी विल्सन ने कहा कि स्थानीय निकायों के लिए सभी लोग चुनाव कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मई में बनी नई सरकार इसे जल्द से जल्द कराने के प्रयास में जुटी हुई है।
पी विल्सन ने कहा कि प्रदेश में 600 से अधिक स्थानीय शहरी निकाय हैं। उन्होंने कहा कि उनकी याचिका परिसीमन में देरी और 9 नए जिलों के स्थानीय निकायों में चुनाव कराने को लेकर थी। उन्होंने कहा कि उनकी याचिका का मकसद पूरा हो गया।
इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने अदालत से कहा था कि 9 नए जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया 12 अक्टूबर तक संपन्न हो जाएगी। आयोग ने यह भी कहा था कि कोरोना वायरस की स्थिति के मद्देनजऱ राज्य के शहरी निकायों में चुनाव कराने की तैयारियों के लिए कुछ महीनों की आवश्यकता है।
तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग ने 13 सितम्बर को घोषणा की थी कि राज्य के 9 जिलों में 27,000 से अधिक पदों पर ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में अक्टूबर में होंगे। नवगठित चंगलपेट, तेनकाशी और कल्लाकुरिची जिलों सहित 9 जिलों के लिए दो चरणों में मतदान 6 और 9 अक्टूबर को होगा। वोटों की गिनती 12 अक्टूबर को होगी।