चेन्नई. विद्यार्थियों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने विद्यालयों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की शुरुआत की है। इस पहल के तहत तमिलनाड के सभी स्कूलों को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। प्रदेश के स्कूली शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में परिपत्र जारी कर सभी विद्यालयों को प्लास्टिक मुक्त रखने का निर्देश दिया है। निजी विद्यालयों ने भी राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए विद्यालयों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सरकार के इस सकारात्मक पहल को लेकर विद्यार्थी एवं अभिभावक भी खासे उत्साहित हैं तथा उन्होंने भी इसमें पूरा सहयोग देने का फैसला कर किया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर तमिलनाडु सरकार की ओर से भी स्वच्छता सप्ताह मनाया जा रहा है तथा इसकी शुरुआत विद्यालय को प्लास्टिक मुक्त बनाने के प्रण के साथ की गई है। इस प्रयास के तहत सरकारी एवं निजी स्कूल प्रबंधन अपने विद्यालय के अलावा आसपास के क्षेत्रों कोभी प्लास्टिक मुक्त रखने का अभियान चलाएंगे। इस कड़ी में लोगों को प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने तथा इसके वैकल्पिक प्रयोग के बारे में भी बताया जाएगा। हालांकि यह एक सही एवं सकारात्मक कदम है लेकिन परीक्षा चलने के कारण कुछ विद्यालय इसे तत्काल लागू करने में असहज महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि परीक्षा समाप्त होने के बाद इसे लागू किया जाता जो ज्यादा बेहतर होता।
रैली कर लाएंगे जागरूकता
आसपास के स्कूली बच्चों के साथ मिलकर बड़ी-बड़ी रैलियां करने की योजना है। विद्यार्थियों, अभिभावकों और आमजनों को प्लास्टिक और उसके उसके हानिकारक प्रभाव के बारे में बताकर उन्हें जागरूक किया जाएगा।
एम. मालिनी, प्रधानाचार्या, श्री बीएससी जैन विद्यालय मैट्रिकुलेशन स्कूल।
जागरूकता के लिए करेंगे नए प्रयोग
स्कूल परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए बच्चों के साथ-साथ उनके घरवालों को भी जागरूक करने की योजना है। इसके लिए हर हफ्ते विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक की जाएगी तथा कंपनियों को विद्यार्थियों की ओर से प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने का आह्वान पत्र भेजा जायेगा।
के. षणमुगनाथन, प्रधानाचार्य, बाललोक मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंड्री स्कूल
10 साल के प्रयास का प्रतिफल अब
त्रिनेंड्रयूर स्थित सेवालय स्कूल में 10 साल पहले से ही प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध है। इसके अलावा यहां के विद्यार्थी अपने गांव के लोगों को प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे में बताकर उनसे इसका प्रयोग बंद करने का अनुरोध करते हैं।
एम. मुरलीधरन, संस्थापक सेवालय
प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का देंगे परामर्श
साहूकारपेट स्थित बालनिकेतन स्कूल में विद्यार्थियों और अभिभावकों को प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के बारे में बता दिया गया है। इसके लिए सुझाव, सलाह एवं दंड का भी प्रावधान तैयार किया गया है। हमारे स्कूल में जंक फूड लाने पर पहले से ही प्रतिबंध है और अब प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने की बारी है।
गिरिधर दास, प्रतिनिधि, बालनिकेतन स्कूल
तीन सालों से प्रतिबंधित प्लास्टिक
प्लास्टिक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए हमने विद्यालय में कई उपाय कर रखे हैं। प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग कम करने के लिए ही विद्यालय में आरओ प्लांट लगाया गया है। प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करने के लिए विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है।
अशोक केडिया, प्रबंध न्यासी, जयगोपाल गरोडिय़ा विवेकानंद विद्यालय ट्रस्ट
सबको साथ आने की जरूरत
स्कूलों में केवल प्लास्टिक का प्रयोग वर्जित करने से ही स्वच्छता नहीं आएगी। इसके लिए हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा। स्कूल से इसकी शुरुआत करना अच्छी पहल है। इससे मौजूदा एवं भावी पीढ़ी दोनों को जागरूक किया जा सकेगा।
प्रदीप कुमार, चेयरमैन, लोकनायक जयप्रकाश नारायण विद्यालय
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एनजीओ की मदद से करेंगे जागरूक
अपने इस प्रयास के तहत राज्य सरकार सबसे पहले स्कूल परिसर में प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाएगी। इसके बाद परिसर में पहले से मौजूद प्लास्टिक के सामानो को एकत्र कर उनका निस्तारण किया जाएगा। शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए सरकार गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की भी मदद लेगी।
प्रदीप यादव, प्रमुख सचिव, स्कूली शिक्षा विभाग
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