भारत में लेनदार के व्यवहार एवं कर्ज समाधान में आया है बदलाव
चेन्नईPublished: Sep 02, 2019 09:41:16 pm
फेडरेशन ऑफ इंडियन हायर परचेज एसोसिएशन एवं लॉ 85 ट्रस्ट के तत्वावधान में संगोष्ठी
चेन्नई. फेडरेशन ऑफ इंडियन हायर परचेज एसोसिएशन एवं लॉ 85 ट्रस्ट के तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल ने कहा कि इनसोल्वेन्सी एंड बैंकरुपटसी कोड के कारण पिछले तीन साल में भारत में लेनदार के व्यवहार, कर्ज समाधान एवं रिकवरी फ्रेमवर्क में काफी बदलाव आया है। इनसोल्वेन्सी एंड बैंकरुपटसी कोड ने एक मजबूत ढांचा प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि लाभ-हानि होना व्यवसाय में आम बात है।
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम.एम. सुन्दरेश, सेवानिवृत्त न्यायाधीश तरुण कुमार एवं वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एल. सौम्या ने भी विचार रखे। केरना बैंक के टी.एन. मनोहरन ने बैंकिग परिदृश्य के बारे मे बताया।
इस मौके पर कई अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि नया इन्सोल्वेन्सी एवं बैंकरुप्सी कोड पुराने की तुलना में बेहतर है। हालांकि इसे रास्ता तय करने में अभी लम्बा वक्त लगेगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन हायर परचेज एसोसिएशन के अध्यक्ष टी.आर. आछा ने कहा कि फेडरेशन 47 साल पुराना संगठन है। इस संगठन से जुड़े सदस्यों के माध्यम से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कह कि ब्याज दरें कई फैक्टरों पर निर्भर करती है। एसोसिएसन के महासचिव दीपक एच. मेहता ने भी मौजूदा परिदृश्य पर प्रकाश डाला। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन किया। अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर कई न्यायाधीश, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। इस दौरान विभिन्न सत्रों का आयोजन भी किया गया जिसमें वक्ताओं ने अलग-अलग विषयों पर अपनी राय रखी।
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