TAMILNADU: स्कूल ड्रापआउट पर केंद्र द्वारा जारी आकड़े सही नहीं: सेंगोट्टयन
जिसके बाद Congress कांग्रेस की मुख्य सचेतक S Vijayadharani एस. विद्याधरनी ने कहा पहले की तरह इस वर्ष भी तमिलनाडु शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा राशि आवंटित हुई हैं।

चेन्नई. केंद्र द्वारा वर्ष 2015 से 18 के बीच तमिलनाडु के स्कूलों में नौवीं और दसवीं के ड्रापआउट विद्यार्थियों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि वाले दावे से राज्य सरकार ने इंकार कर दिया है। विधानसभा सत्र के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री के.ए. सेंगोट्टयन ने बताया कि ड्रापआउट को लेकर केंद्र द्वारा जारी डाटा गलत है और राज्य सरकार के पास उपलब्ध आकड़ों से बिलकुल अलग है। राज्य सरकार के डाटा के अनुसार पिछले तीन सालों में ३.७ प्रतिशत ड्रापआउट दर्ज हुए है। लेकिन केंद्र के डाटा के अनुसार तीन सालों में ड्रापआउट की संख्या दुगनी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी डाटा सही है और केंद्र का डाटा गलत है। इस संबंध में केंद्र को एक पत्र लिख किस आधार पर मंत्री ने संसद में यह डाटा पेश किया है पर जांच का आग्रह किया गया है।
-तमिलनाडु शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा राशि आवंटित
लेकिन अब तक केंद्र द्वारा किसी प्रकार का जवाब नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्रीय एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने संसद को बताया था कि एकीकृत सूचना प्रणाली के तहत तमिलनाडु, जो कि शैक्षणिक रूप से प्रगतिशील राज्यों में से एक है, के स्कूलों में २०१७-१८ के नौवीं और दसवीं में १६.२ और २०१५-१६ में ८ प्रतिशत ड्रापआउट दर्ज हुई है। जिसके बाद कांग्रेस की मुख्य सचेतक एस. विद्याधरनी ने कहा पहले की तरह इस वर्ष भी तमिलनाडु शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा राशि आवंटित हुई हैं। अधिक आवंटन के बावजूद ड्रापआउट की संख्या सबसे अधिक है। इस मामले पर राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। केंद्र द्वारा जारी डाटा के बाद विपक्षी दलों ने एआईएडीएमके सरकार पर ड्रापआउट को खत्म करने को लेकर किसी प्रकार का कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।
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