नारायणसामी ने कहा, “हमारे विधायक एकजुट थे, हम पिछले पांच सालों से शांति पूर्वक सरकार चलाने में सफल रहे। केंद्र ने हमारे तरफ से अपील की गई धनराशि न देकर पुदुचेरी के लोगों को धोखा दिया है। नारायणसामी ने कहा, ‘हमने डीएमके और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसके बाद हमने कई चुनाव देखे। सभी उपचुनावों में हमने जीत दर्ज की। एक बात साफ हो चुकी है कि पुदुुचेरी के लोगों का हमपर भरोसा है।
विधायकों के इस्तीफे से संकट गहराया था
हाल ही में पांच कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में आ गई थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के राज्यपाल ने सीएम वी नारायणसामी को सोमवार शाम पांच बजे बहुमत साबित करने को कहा है।
बता दें कि नारायणसामी सरकार को पिछले कुछ हफ्तों में लगातार एक के बाद एक कई झटके लगे हैं। रविवार को कांग्रेस के एक और डीएमके के एक विधायक ने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य सरकार बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से नीचे आकर 12 पर पहुंच गई है। विधानसभा की कुल संख्या 33 है।
कांग्रेस विधायक के लक्ष्मीनारायणन और डीएमके के विधायक वेंकटेशन ने रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। उस समय तक विपक्ष के पास 14 विधायकों का साथ था। विधानसभा में कुल सात विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कुल विधायकों की संख्या 26 है। इस तरह से बहुमत का आंकड़ा 14 पहुंच गया है। कांग्रेस के ए नमशिवयम और कृष्णा राव सहित चार विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं एक विधायक को पिछले साल पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाल दिया गया था।
33 सदस्यीय विधानसभा में 30 निर्वाचित सीटें हैं। तीन भारतीय जनता पार्टी के नॉमिनेटेड सदस्य हैं। कांग्रेस के वर्तमान में नौ विधायक हैं। इनमें विधानसभा अध्यक्ष एसपी शिवकोलुंदी भी शामिल हैं जिन्हें तब तक मतदान करने की अनुमति नहीं है जब तक कि कोई टाई न हो। कांग्रेस के पास डीएमके के दो विधायकों और माहे से चुने गए एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है।
दूसरी तरफ विपक्ष के पास पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस के 7 विधायक हैं। चार एआईएडीएमके के हैं। बीजेपी के नॉमिनेटेड सदस्य भी हैं जिन्हें वोट देने की अनुमति होगी।