आईसीएफ पुलिस और ट्रिप्लीकेन ड्रग कंट्रोल अधिकारी व उनकी टीम ने शुक्रवार को आईसीएफ इलाके में एक युवक को ब्लैक में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उनके निशानदेही पर उसे दवा देने वाले को भी पुलिस ने धर दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम विल्लीवाक्कम निवासी कार्तिकेयन और जाफर है। दोनों मिंट स्ट्रीट स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कार्तिकेयन फार्मेसी सहायक और दूसरा बतौर स्टाफ काम कर रहे थे। पुलसि सूत्रों ने बताया कि ट्रिप्लीकेन ड्रग कंट्रोल अधिकारी मुरली कृष्णन को रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग की शिकायत मिली। मुरली कृष्णन ने आईसीएफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत प्राप्त होने के बाद पुलिस ने आरोपी को पकडऩे के लिए जाल बिछाया और ऊंचे दाम पर दवा खरीदने का लालच दिया।
पुलिस के एक सिपाही ने आरोपी कार्तिकेयन को फोन कर ऊंची कीमत पर भी दवा खरीदने की बात कही। रेमडेसिविर की दो बोतल 30 हजार रुपए में तय हुआ। सिपाही सुरेश ने आईसीएफ के नॉर्थ कॉलोनी में बुलाया और 30 हजार देकर दो शीशी खरीदी। पहले से मौजूद पुलिस कर्मी और ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों ने कार्तिकेयन को घेर लिया और पकडकऱ थाने ले गए जहां पूछताछ में उसने जाफर का ना लिया। जाफर उन्हें मरीजों का दवा चुराकर कार्तिकेयन को बेचने के लिए देता था।
वहीं शुक्रवार को पुरुषवाक्कम टाना स्ट्रीट में मईलापुर थाना क्षेत्र की विशेष पुलिस टीम ने रेमडेसिविर दवा की ब्लैक मार्केटिंग करते हुए पकड़ा। आरोपी तंबशिवन और रमन दोनों प्राइवेट हॉस्टिपल में काम करते है और ये दोनों उन कोरोना संक्रमित मरीजों की दवा चुला लेते थे जिन मरीजों का इलाज के दौरान मौत हो जाती थी और दवाई को बेच देते थे।
तीसरे मामले में ताम्बरम पुलिस ने एक डॉक्टर सहित तीन लोगों को ऊंचे कीमत पर दवा की ब्लैक मार्केटिंब करते हुए गिरफ्तार किया। दो अन्य आरोपी दूसरे हॉस्पिटल के है। एक दवा की एक शीशी 30 हजार में बेच रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 17 रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद किए।
विशेष टीम का गठन
चेन्नई पुलिस आयुक्त महेश कुमार अग्रवाल के निर्देश के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले अपराधियों को पकडऩे के लिए विशेष टीम गठित की गई है।