scriptपॉक्सो और आइपीसी की धाराओं के तहत अलग-अलग सजा काटने के निर्देश | Sexual abuse case imprisonment HC confirms | Patrika News

पॉक्सो और आइपीसी की धाराओं के तहत अलग-अलग सजा काटने के निर्देश

locationचेन्नईPublished: Jul 21, 2021 08:18:15 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

– दस साल की बच्ची का यौन शोषण
– पॉक्सो कोर्ट ने ३ साल की सजा सुनाई थी

Madras High Court Bans Display Of Party Symbol At COVID Relief Distribution Centres In TN

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चेन्नई. दस साल की किशोरी के यौन उत्पीडऩ को पॉक्सो मामलों की अदालत द्वारा सुनाई गई तीन साल की सजा की पुष्टि करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषी को पॉक्सो और आइपीसी एक्ट के तहत सुनाई गई सजा को अलग-अलग भुगतना होगा।

हाईकोर्ट ने तमिलनाडु राज्य न्यायिक अकादमी को निर्देश दिया कि वह पॉक्सो विशेष न्यायालयों में नियुक्त न्यायाधीशों को इस कानून का ठोस प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करे।


मामले के अनुसार नामक्कल जिला निवासी वेंकटचलम ने इलाके की 10 वर्षीय किशोरी का यौन उत्पीडऩ किया और डराया धमकाया। पुदुछत्रम पुलिस स्टेशन में पॉक्सो और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था।

नामक्कल महिला विशेष न्यायालय ने 2014 में मामले की सुनवाई की। जज ने वेंकटचलम को पॉक्सो अधिनियम के तहत तीन साल और भारतीय दंड संहिता के तहत एक साल जेल की सजा सुनाई।


उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वेलमुरुगन ने उक्त मामले में हुई अपील पर बुधवार को सुनवाई की। उन्होंने आदेश में निचली कोर्ट की सजा को बरकरार रखा और कहा कि पुलिस ने वेंकटचलम के खिलाफ आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया है।

न्यायाधीश ने हालांकि पॉक्सो और भारतीय दंड संहिता के तहत सुनाई गई सजा के समानांतर चलने के अधीनस्थ कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। जज ने कहा कि दोषी को दोनों सजा अलग-अलग भुगतने होंगे।

न्यायाधीश ने नामक्कल अदालत को वेंकटचलम को कैद करने के लिए उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया ताकि वह अपनी सजा काट सके। उच्च न्यायालय के मुख्य रजिस्ट्रार और तमिलनाडु राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक को आदेश दिया कि वह पॉक्सो मामलात कोर्ट के जजों को इस कानून के बारे में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करे।
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