के. षणमुगम सेलम जिला निवासी और किसान परिवार से हैं। वे अपने परिवार से पहले ग्रेजुएट थे। वे १९८५ में सिविल सेवा में सहायक कलक्टर के रूप में जुड़ेे। गत तीन दशकों से उन्होंने विभिन्न विभागों में कई पद संभाले। वे णिज्यिकर विभाग के उपायुक्त, शिवगंगा व पुदुकोट्टै कलक्टर, ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक, तमिल नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक व खाद्य विभाग के सचिव रहे। वरिष्ठता के हिसाब से उनको पहले ही चीफ सेक्रेटरी बन जाना चाहिए था।
षणमुगम को डीएमके शासनकाल में २०१० में वित्त सचिव बनाया गया था। यह पद उनके पास फिर अगले नौ साल तक रहा। विभाग प्रमुख रहते हुए उन्होंने नौ बजट और दो अंतरिम बजट पेश करवाए। षणमुगम ने स्वर्गीय मुख्यमंत्री जे. जयललिता व एम. करुणानिधि के अलावा ओ. पन्नीरसेल्वम और मुख्यमंत्री एडपाड़ी के. पलनीस्वामी के लिए बजट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई।
ओडिशा मूल के जलज कुमार (जे. के.) त्रिपाठी रविवार को पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) का ओहदा संभालेंगे। केंद्रीय लोक सेवा आयोग द्वारा दी गई छह अधिकारियों की सूची में से उनको चुना गया था। वे १९८५ बैच के अधिकारी हैं। वे रविवार को रिटायर हो रहे डीजीपी टी. के. राजेंद्रन की जगह लेंगे। २० मई १९६० को जन्मे त्रिपाठी की सेवानिवृत्ति ३० जून २०२१ को होगी। वे दो साल तक इस पद पर बने रहेंगे। त्रिपाठी जयललिता के विश्वासपात्र अधिकारियों में से एक थे। २००२-०४ के बीच उन्होंने साउथ चेन्नई के संयुक्त पुलिस आयुक्त का पदभार संभाला था। फिर वे आबकारी प्रवर्तन विभाग के प्रमुख रहे। वे चेन्नई महानगर के पुलिस आयुक्त भी रहे। उनको डीजीपी रैंक के तौर पर पदोन्नति मिलने के बाद कारागार का प्रमुख बनाया गया था।
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गौरतलब है कि अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो तमिलनाडु में अगस्त महीने में स्थानीय निकाय चुनाव होंगे। इस चुनाव से पहले सरकार ने पिछले तीन चार दिनों में बड़े स्तर पर आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की बदली की है। शनिवार को एक साथ ६१ पुलिस अफसरों का तबादला हुआ था।