#Sasikala की #Benami सम्पत्ति ओशन स्प्रे रिसॉर्ट
चेन्नई. आयकर विभाग ने बेनामी सम्पत्ति सौदा अधिनियम (पीबीपीटी) के तहत पुदुचेरी के नवीन बालाजी को जेल में बंद वी. के. शशिकला का बेनामी मानते हुए की गई कार्रवाई को उचित बताया है। बेनामी निषेध आयकर उप आयुक्त ने कार्रवाई के जारी आदेश को जायज बताते हुए मद्रास हाईकोर्ट में शपथपत्र दायर किया। शपथपत्र में उन्होंने कहा कि एमओयू से स्पष्ट है कि याची कंपनी का एमडी और उसके परिवार के सदस्य निदेशक है।
यह परिवाद २० जनवरी २०२० को नवीन बालाजी और पांच अन्य को वीके शशिकला का बेनामी बताते हुए उनकी सम्पत्ति जब्त करने के आदेश से जुड़ा है। इन बेनामी मालिकों ने ओशन स्पे्र रिसॉर्ट और बोंजूर बोनहेर प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी १४८ करोड़ में शशिकला को बेची। इन बेनामी मालिकों पर आयकर विभाग ने जब्ती के आदेश जारी किए जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई में आयकर विभाग के अधिवक्ता ने न्यायाधीश अनिता सुमंत को बताया कि सौदे के तहत १४८ करोड़ रुपए नवीन बालाजी और उनके परिजनों को वी. के. शशिकला ने ओशन रिसॉर्ट और उक्त कंपनी की हिस्सेदारी की खरीद के लिए दिए। इस सौदे के तहत कंपनी और रिसॉर्ट के अंश वी. के. शशिकला अथवा उनके नामित व्यक्ति के नाम अंतरित होने थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ जो साबित करता है कि यह असली मालिक की पहचान छिपाने के इरादे से किया गया है। उक्त व्यवहार की पुष्टि २२ नवम्बर २०१६ के एमओयू से होती है जिस पर बालाजी और उनके परिजनों के दस्तखत हैं जो कंपनी के निदेशकगण थे।