scriptशशिकला बर्खास्त, महासचिव पद जयललिता को समर्पित | Shashikala is dedicated to dismissal General Secretary Jayalalithaa | Patrika News

शशिकला बर्खास्त, महासचिव पद जयललिता को समर्पित

locationचेन्नईPublished: Sep 13, 2017 05:37:00 am

एआईएडीएमके महापरिषद की बैठक में अंतरिम महासचिव बनाई गई वी. के. शशिकला को इस पद से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही सर्वसम्मति से महासचिव पद स्थाईरूप से जय

Deputy Chief Minister. Panierselvam

Deputy Chief Minister. Panierselvam

चेन्नई।एआईएडीएमके महापरिषद की बैठक में अंतरिम महासचिव बनाई गई वी. के. शशिकला को इस पद से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही सर्वसम्मति से महासचिव पद स्थाईरूप से जयललिता को ही समर्पित कर दिया गया। महासचिव के अधिकार पार्टी के संयोजक और सह संयोजक के पास होंगे। तत्संबंधी व्यवस्था के लिए पार्टी संविधान में व्यापक बदलाव किए गए हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में मंगलवार को हुई एआईएडीएमके महापरिषद की बैठक में पार्टी महासचिव के पद से वी.के. शशिकला को हटा दिया गया।


साथ ही पार्टी चलाने के लिए एक संचालन समिति का गठन भी कर दिया गया। यहां वानगरम स्थित श्री वारु वेंकटाचलपति कल्याण मंडपम में आयोजित बैठक में १२ प्रस्ताव पारित हुए। पारित प्रस्तावों को पढ़ते हुए राज्यसभा सदस्य आर. वैद्यलिंगम ने बताया कि पार्टी महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया। ऐसे में उनके द्वारा पिछले साल ३० दिसंबर से १५ फरवरी तक के बीच की गई सभी लोगों की नियुक्ति अमान्य है।

पार्टी संविधान में कई बदलाव

एक विशेष प्रस्ताव में महापरिषद ने पार्टी के संविधान में कई बदलाव किए, जिनमें से जयललिता को स्थाई पार्टी महासचिव रखने और पद के लिए किसी को भी निर्वाचित या नियुक्त नहीं करने का सुझाव भी शामिल है। साथ ही समन्वयक और संयुक्त समन्वयक को भी सशक्त बनाते हुए कहा गया कि यदि पार्टी पदाधिकारियों का २० प्रतिशत हिस्सा महापरिषद की बैठक का आग्रह करता है तो एक महीने के भीतर बैठक कराई जानी चाहिए। समन्वयक और संयुक्त समन्वयक द्वारा नियुक्त हुए मुख्यालय सचिव के नेतृत्व में पार्टी मुख्यालय का कामकाज चलेगा।

दिनकरण की ओर से की गई नियुक्तियां अमान्य

बैठक में पार्टी से दरकिनार किए गएण् पार्टी उपमहासचिव टीटीवी दिनकरण द्वारा नियुक्त हुए सदस्यों की नियुक्ति को भी अमान्य कर दिया गया। समन्वयक ओपीएस और संयुक्त समन्वयक ईपीएस के नेतृत्व में संचालन समिति गठित करने के लिए भी एक प्रस्ताव पारित हुआ। के.पी मुन्नूसामी और आर. वैद्यलिंगम समिति के उपसमन्वयक होंगे। समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के पास चुनाव आयोग, सरकार, कोर्ट, बैंक अकाउंट्स के अलावा चुनाव लडऩे के लिए उम्मीदवारों के प्राधिकरण सहित अन्य मामलों में निर्णय लेने का अधिकार होगा।

 

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