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भ्रष्टाचार के मामले में काट रही सजा जनवरी 2021 में VK Sasikala हो सकती है जेल से रिहा

locationचेन्नईPublished: Sep 15, 2020 03:50:19 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

VK Sasikala रिहाई संबंधी जानकारी बेंगलूरु के अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति की आरटीआई के जवाब से मिली। जेल प्रशासन से उनको प्राप्त जवाब के तहत वी. के. शशिकला की रिहाई की तारीख २७ जनवरी २०२१ है।

भ्रष्टाचार के मामले में काट रही सजा जनवरी २०२१ में VK Sasikala हो सकती है जेल से रिहा

भ्रष्टाचार के मामले में काट रही सजा जनवरी २०२१ में VK Sasikala हो सकती है जेल से रिहा

चेन्नई. तमिलनाडु की सियासत में स्वर्गीय जे. जयललिता की छाया बनकर पर्दे के पीछे से अपनी धाक जमाने वाली वी. के. शशिकला (VK Sasikala) संभवत: जनवरी २०२१ में बेंगलूरु की परप्पना अग्रहारा जेल से रिहा हो जाएंगी। वे भ्रष्टाचार के मामले में फरवरी २०१७ से चार साल की सजा काट रही है जो जनवरी महीने में पूरी हो जाएगी।

उनकी रिहाई संबंधी जानकारी बेंगलूरु के अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति की आरटीआई के जवाब से मिली। जेल प्रशासन से उनको प्राप्त जवाब के तहत वी. के. शशिकला की रिहाई की तारीख २७ जनवरी २०२१ है।
अधिवक्ताओं के अनुसार अगर शशिकला उन पर लगाया अर्थदण्ड भर देती है तो उक्त तारीख पर रिहाई हो सकती है। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में उनकी रिहाई २०२२ तक टल जाएगी। साथ ही रिहाई की तारीख शशिकला के भावी परोल आवेदन पर भी निर्भर करेगी। अगर वे परोल की अर्जी लगाती हैं और वह मंजूर हो जाती है तो उस अवधि को सजावधि में शामिल नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने २०१७ में भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी की गई शशिकला और दो सहयोगियों की चार साल की सजा और १० करोड़ के जुर्माने की सजा की पुष्टि कर दी थी। यह सजा निचली कोर्ट ने सुनाई थी जिसे हाईकोर्ट के पलटने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई थी।
शशिकला के वकील को उम्मीद है कि जेल में अच्छे आचरण की वजह से इस महीने के अंत अथवा अक्टूबर महीने की शुरुआत में शशिकला को जेल से रिहा किया जा सकता है। गौरतलब है कि कर्नाटक प्रिजन की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आरोप लगाया था कि जेल में शशिकला को विशेष ट्रीटमेंट मिला जिनमें पांच कक्ष उनके लिए खाली रखने, जेल में स्वतंत्र रूप से विचरण करने जैसे आरोप शामिल थे।

कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विनय कुमार जांच आयोग ने भी डी. रूपा के आरोपों की पुष्टि की थी। बहरहाल उसके बाद कोई ठोस कदम उठाए जाए जाने जैसी कोई बात सामने नहीं आई। उधर, एआईएडीएमके हलकों में शशिकला की समय पूर्व रिहाई को लेकर कोई उम्मीद नहीं थी। जेल जाते वक्त वह पार्टी की महासचिव थी।

सियासी असर
शशिकला का लौटना मुख्यमंत्री ई. के. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम दोनों के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है। पार्टी में बगावत के सुर मुखर हो सकते हैं। एआईएडीएमके में महासचिव का पद रिक्त है। फरवरी महीने में आहूत होने वाली महापरिषद की बैठक में महासचिव चुना जाएगा। महासचिव के चुनाव में पार्टी के सभी पंजीयत सदस्यों के वोट पड़ते हैं। ऐसे में ईपीएस और ओपीएस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। वैसे भी विधानसभा चुनाव २०२१ के लिए मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर अभी से पार्टी में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनकरण को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में ईपीएस और ओपीएस का गठबंधन ही काम आया था। जेल से छूटने के बाद दोनों ही नेता और उनके सिपहसलार शशिकला से रियायत की उम्मीद नहीं रख सकते। बहरहाल, यह भी तय है कि जेल से रिहा होने के बाद भी शशिकाल जनप्रतिनिधि कानून की व्यवस्था के तहत अगले छह सालों तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकती।

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