scriptवीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि थे गणेशी लाल | Shiromani Ganeshi Lal were the devotees of Vitrag Marg | Patrika News

वीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि थे गणेशी लाल

locationचेन्नईPublished: Feb 05, 2019 03:17:15 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

-गुणानुवाद सभा

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वीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि थे गणेशी लाल

चेन्नई. टी नगर स्थित जैन स्थानक में कपिल मुनि के सानिध्य व श्री एस. एस. जैन संघ माम्बलम के तत्वावधान में सोमवार को कर्नाटक केसरी गणेशीलाल का 57वां पुण्य स्मृति दिवस जप-तप की आराधना व सामूहिक सामायिक साधना के साथ मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओं ने एकासन, उपवास आदि तप-आराधना करके उनके प्रति श्रद्धा भक्ति का परिचय दिया।
कपिल मुनि ने अपने उद्बोधन में कहा कि गणेशीलाल महान व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने जनमानस में व्याप्त मिथ्यात्व के अंधकार को दूर करके सम्यक्त्व के प्रकाश से अंतर्मन को आलोकित किया। उन्होंने धर्म का विशुद्ध स्वरूप समझाकर जन-जन को धर्म से जोडऩे का उपकार किया। उनका प्रारंभिक जीवन बहुत ही संघर्ष के दौर से गुजरा लेकिन कभी भी सिद्धान्तों के साथ समझौता नहीं किया। उनके मन में संकल्प के प्रति दृढ़ता और लक्ष्य के प्रति समर्पण गजब का था। उनके उत्कृष्ट तप त्याग के समक्ष मनुष्य तो क्या देव शक्ति भी नत मस्तक होती थी। वे वीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि थे।
उन्होंने कहा जीवन रूपी सरिता के जन्म और मृत्यु दो किनारे हैं। महत्व किनारों का नहीं बल्कि इनके बीच बहने वाली नदी का होता है। उन्हीं का मरण स्मरण के योग्य होता है जिनका जीवन संयमित और समाधिस्थ होता है।
माम्बलम संघ के उपाध्यक्ष डा. उत्तमचंद गोठी ने कहा कि उनकी ओजस्वी वाणी और सुन्दर जीवन व्यवहार से लाखों लोगों ने जीवन में दिशा और दशा का सम्यक बोध प्राप्त किया। वे आखिरी सांस तक ज्ञान, दर्शन और चारित्र की साधना में पुरुषार्थ करते हुए जिनशासन की प्रभावना करते रहे। इस मौके पर भगवान महावीर सेवा समिति के द्वारा अन्नदान व जरुरतमंदों को राशन सामग्री वितरण किया गया।
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