scriptएसएचआरसी ने दिया आदेश पूर्व डीएसपी के खिलाफ होगी कार्रवाई | SHRC ordered Action will be taken against the former DSP | Patrika News

एसएचआरसी ने दिया आदेश पूर्व डीएसपी के खिलाफ होगी कार्रवाई

locationचेन्नईPublished: Oct 26, 2019 04:29:33 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

SHRC, while hearing the case of tractor damaged crop a year ago, ordered action against Arani’s then Deputy Superintendent of Police Zarina Begum
राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने एक साल पहले ट्रैक्टर से फसल क्षतिग्रस्त करने के मामले पर सुनवाई करते हुए पीडि़त परिजनों को पांच लाख का मुआवजा देने और घरेलू मामले में हस्तक्षेप करने के आरोप में आरणी की तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक जरीना बेगम के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।

एसएचआरसी ने दिया आदेश पूर्व डीएसपी के खिलाफ होगी कार्रवाई

एसएचआरसी ने दिया आदेश पूर्व डीएसपी के खिलाफ होगी कार्रवाई

एसएचआरसी ने दिया आदेश
पूर्व डीएसपी के खिलाफ होगी कार्रवाई
– पीडि़त के परिजनों को मिलेगा ५ लाख का मुआवजा
चेन्नई. राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने एक साल पहले ट्रैक्टर से फसल क्षतिग्रस्त करने के मामले पर सुनवाई करते हुए पीडि़त परिजनों को पांच लाख का मुआवजा देने और घरेलू मामले में हस्तक्षेप करने के आरोप में आरणी की तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक जरीना बेगम के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।
राज्य सरकार को डीएसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश

एसएचआरसी के सदस्य डी. जयचंद्रन ने राज्य सरकार को डीएसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करते हुए उनके व्यक्तिगत कोष से मुआवजे की राशि देने का निर्देश दिया।
तिरुवण्णमलै जिले के आरणी में स्थित कमाकुर गांव में सावित्री और उसके चचेरे भाई सामुंदीश्वरी के बीच पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बीच गत २३ दिसंबर २०१८ को डीएसपी ने वहां जाकर घरेलू विवाद में हस्तक्षेप कर दिया। आरोप है कि जांच के दौरान डीएसपी ने एक टैक्टर से विवादित भूमि पर खड़ी धान की फसल को क्षतिग्रस्त करा दिया था। घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
-मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप

अधिकारी द्वारा मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सावित्री और उसके परिजनों ने एसएचआरसी में याचिका दायर की। आयोग के समक्ष मामला लंबित होने के दौरान ही याचिकाकर्ता सावित्री की मौत हो गई। उसके बाद पीडि़त परिजनों ने मामले को आगे बढ़ाया। याचिका पर सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि नागरिक के मानवीय और कानूनी अधिकारों की रक्षा करना डीएसपी की ड्यूटी थी। लेकिन उन्होंने कानून को अपने हाथ में लेते हुए मानवाधिकार का उल्लंघन किया है। इसलिए यह आयोग का विचार है कि शिकायतकर्ता का कानूनी उत्तराधिकारी मुआवजा पाने का हकदार है।

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