एसएचआरसी के सदस्य डी. जयचंद्रन ने राज्य सरकार को डीएसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करते हुए उनके व्यक्तिगत कोष से मुआवजे की राशि देने का निर्देश दिया।
तिरुवण्णमलै जिले के आरणी में स्थित कमाकुर गांव में सावित्री और उसके चचेरे भाई सामुंदीश्वरी के बीच पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बीच गत २३ दिसंबर २०१८ को डीएसपी ने वहां जाकर घरेलू विवाद में हस्तक्षेप कर दिया। आरोप है कि जांच के दौरान डीएसपी ने एक टैक्टर से विवादित भूमि पर खड़ी धान की फसल को क्षतिग्रस्त करा दिया था। घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
-मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप
अधिकारी द्वारा मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सावित्री और उसके परिजनों ने एसएचआरसी में याचिका दायर की। आयोग के समक्ष मामला लंबित होने के दौरान ही याचिकाकर्ता सावित्री की मौत हो गई। उसके बाद पीडि़त परिजनों ने मामले को आगे बढ़ाया। याचिका पर सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि नागरिक के मानवीय और कानूनी अधिकारों की रक्षा करना डीएसपी की ड्यूटी थी। लेकिन उन्होंने कानून को अपने हाथ में लेते हुए मानवाधिकार का उल्लंघन किया है। इसलिए यह आयोग का विचार है कि शिकायतकर्ता का कानूनी उत्तराधिकारी मुआवजा पाने का हकदार है।