अंदर व्याप्त गैस के कारण वह बेहोश हो गया। जब अंदर से देर तक कोईप्रतिक्रिया एवं उसकी आवाज नहीं आईतो उसके बेटे कन्नन और कार्तिक भी अंदर चले गए लेकिन वे दोनों भी बेहोश हो गए। जब अंदर से तीनों बाहर नहीं आए तो परिवार के अन्य लोगों ने वहां शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर पड़ोसी वहां पहुंचे। उनमें से सुरता बाई, परमशिवम और लक्ष्मीकांत भी एक-एक करके सेप्टिक टैंक के अंदर उतरे गए लेकिन वे भी बेहोश हो गए। जब सारे ही बाहर नहीं आए तो वहां उपस्थित लोगों की घबराहट बढ़ गई। उन्होंने दमकल विभाग को सूचित किया।
पुलिस कर रही मामले की जांच
सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अंदर की स्थिति का पता लगाया। इसके बाद उन्होंने उन सबको बाहर निकाला। जांच करने पर पता चला उन सबकी मौत हो चुकी थी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए श्रीपेरम्बुदूर सरकारी अस्पताल भेजा। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।