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सोनू सूद : मॉस्को में फंसे तमिल मेडिकल विद्यार्थियों को फ्लाइट से चेन्नई पहुंचाया

locationचेन्नईPublished: Aug 05, 2020 09:55:51 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

सोनू सूद का एक और नेक काम
 
 

Sonu Sood helps 100 TN students stranded in Moscow reach Chennai

Sonu Sood helps 100 TN students stranded in Moscow reach Chennai

चेन्नई.

कोविड संकट के समय में सोनू सूद रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे तमिल विद्यार्थियों सहित कई लोगों के लिए नायक बनकर उभरे हैं। कोविड-19 के परिणामस्वरुप उड़ानों के रद्द होने के चलते ये विद्यार्थी मॉस्को में फंसे थे। इन्हें अपने परिवार के पास वापस चेन्नई पहुंचाने के लिए सोनू सूद ने मॉस्को से एक चॉर्टर फ्लाइट का बंदोबस्त किया।

पर्दे के विलेन से असल जिंदगी में हीरो बनने के बारे में जब उनसे पूछा गया तो सोनू ने कहा, यह मेरे अब तक निभाए किरदारों में सबसे उम्दा है। यह मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी स्क्रिप्ट है। विद्यार्थियों और उनके माता-पिता से प्राप्त थैंक्यू नोट मुझे प्रेरित करता है।
दरअसल, मॉस्को में मेडिकल स्टूडेंट्स ने चेन्नई में वापस अपने घर पहुंचने के लिए मुझसे मदद मांगी। मॉस्को से चार अगस्त को स्पाइस जेट की फ्लाइट को पहले सीधे चेन्नई लाए जाने की बात हुई थी, लेकिन कुछ अनुरोधों के चलते दिल्ली में इसे एक बार रोका गया।

यहां वापस आईं एक छात्रा टी.आर.शक्तिप्रियदर्शिनी ने बताया, हम तीन जुलाई को मॉस्को से वंदे भारत फ्लाइट में नहीं चढ़ सके क्योंकि हमारा कोर्स छह जुलाई को खत्म हो रहा था। यहां करीब 200 विद्यार्थी फंसे हुए थे। हमें बताया गया कि अब वंदे भारत की कोई भी फ्लाइट नहीं है। इसके बाद हमने सभी अधिकारियों को ईमेल भेजना शुरू कर दिया।

छात्रा ने कुस्र्क मेडिकल यूनिवर्सिटी से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है जो मॉस्को से लगभग 500 किमी दूर है।

एक और छात्र पेरियनन सोमसुंदरम ने बताया, स्टूडेंट में से किसी ने देखा कि भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए सोनू सूद फ्लाइट का बंदोबस्त कर रहे हैं, तो हमने सोचा कि अगर वह ऐसा किर्गिस्तान से कर सकते हैं तो वह हमारी भी मदद कर सकते हैं।

सोमसुंदरम ने कहा कि उन लोगों ने 23 जुलाई को सोनू सूद को एक मैसेज भेजा और अगले दिन जवाब आया और तब से लगातार बातचीत होती रही।

शक्तिप्रियदर्शिनी कहती हैं, कुछ विद्यार्थी टूर ऑपरेटरों द्वारा संचालित उड़ानों से गए। अंत में कुल 100 विद्यार्थी मॉस्को में चेन्नई के लिए उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट में सवार हुए।

सोनू सूद ने कहा, पहले मैंने प्रवासी मजदूरों की मदद करने की शुरुआत की जो बसों और वैन में सवार होकर अपने गांव लौटे। उड़ानों का बंदोबस्त उन्होंने तब करना शुरू किया जब किर्गिस्तान में भारतीय विद्यार्थियों ने देश वापसी के लिए उनसे संपर्क किया।

सोनू कहते हैं, विद्यार्थियों को किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, साइप्रस, फिलीपींस और मॉस्को से वापस लाने के लिए चार्टर उड़ानों की व्यवस्था की गई थी।

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