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दक्षिण भारत अपने द्रविड़ होने की ताकत दिखाए

locationचेन्नईPublished: Jan 19, 2018 10:55:05 pm

राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर चुके अभिनेता कमल हासन ने केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उनका कहना है कि दक्षिणी राज्यों को द्रविड़ एकता और पहचान के

South India show your Dravidian strength

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चेन्नई।राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर चुके अभिनेता कमल हासन ने केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उनका कहना है कि दक्षिणी राज्यों को द्रविड़ एकता और पहचान के रूप में आवाज बुलंद करनी होगी ताकि केंद्र सरकार पर अपनी बातें मनवाने के लिए दबाव बनाया जा सके।

काबिले गौर है कि अभिनेता कमल हासन ने २१ फरवरी को रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम स्थित पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के आवास से राज्यभर का दौरा शुरू करने वाले हैं। केन्द्र सरकार को चेताने वाली टिप्पणी उन्होंने तमिल साप्ताहिक में की जिसके वे स्तंभकार हैं।

उळग नायकन (यूनिवर्सल हीरो) के नाम से लोकप्रिय कमल हासन ने लिखा कि देश के आर्थिक विकास में योगदान करने की दृष्टि से तमिलनाडु अग्रणी है। कुछ लोगों का आरोप है कि वे यहां (तमिलनाडु) से कर संग्रह करते हैं और इसका उपयोग अन्य राज्यों की बेहतरी में किया जा रहा है। मेरा यह विचार है कि संयुक्त परिवार में ऐसा ही होता है। बड़ा भाई जो कमाता है संयुक्त परिवार में बेरोजगार छोटे भाइयों का खर्चा उठाता है, खयाल रखता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि छोटे भाई बड़े भाई को मूर्ख समझते हुए उसे भूखा छोड़ दें।

इस संदर्भ में कमल हासन ने तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों का आह्वान किया कि वे द्रविड़वाद की पहचान को गले लगाएं। चंद्रबाबू नायडू, चंद्रशेखर राव, सिद्दरामय्या और पिनराई विजयन सभी द्रविड़ हैं। अगर द्रविड़ होने की पहचान पूरे दक्षिण भारत में स्थापित कर दी जाए तो केंद्र सरकार भेदभाव करना बंद कर देगी। हमारी आवाज एकजुट होगी और ऐसा शंखनाद होगा कि हम खुलकर दिल्ली वालों से बात कर पाएंगे।

कमल हासन ने भगवान शिव का उदाहरण दिया कि अगर आपको दक्षिण का शिव कहा जाए तो शर्मिन्दा न हों। यह इस बात का संकेत है कि शिव दक्षिण के सभी राज्यों में विद्यमान है। द्रविड़वाद भी शिव की तरह है। वे तमिल अथवा किसी भाषा के अवसान या संविलय से संयुक्त भाषा के उदय की वकालत नहीं कर रहे हैं, लेकिन भाषाई कुल गौरव, आत्मस्वाभिमान और भाषा के प्रति प्रेम में बदलाव नहीं होना चाहिए। यह पूरे भारत पर लागू होती है। वे नेहरू की विविधता में एकता के हिमायती हैं।

अभिनेता ने द्रविड़ आंदोलन को हाशिये पर रखने वालों की कड़ी आलोचना करते हुए लिखा कि कुछ लोग इसे केवल एक पहेली समझते हैं। कुछेक केवल द्रविड़वाद से इतर कुछ नहीं कहते। दोनों विचारधाराओं की आलोचना होनी चाहिए। द्रविड़वाद केवल तमिल की विशिष्ट पहचान नहीं होनी चाहिए। यह पहचान हम अन्य भाषाई लोगों के साथ भी साझा कर सकते हैं। इसे न समाप्त करने और न मनाने की जरूरत है क्योंकि यही हमारी पहचान है।

कमल हासन ने अपना जनसंपर्क अभियान कलाम के आवास से शुरू करने के बारे में प्रतिक्रिया दी कि कलाम के कई ख्वाब थे। मैं भी उनकी तरह हूं। मेरे भी कई सपने हैं। कलाम ने खुशहाल और समृद्ध तमिलनाडु का सपना देखा था। मेरा भी यही सपना है और मेरी यात्रा भी उसी ओर है।

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