हाल ही दक्षिण रेलवे के अधिकारियों की बैठक में उस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। इस पर विभिन्न संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। चेन्नई मंडल रेल प्रबंधक पी. महेश भी बैठक में शामिल हुए। दक्षिण रेलवे (प्रभारी) के महाप्रबंधक राहुल जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस विषय पर मंथन हुआ।
दरअसल रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को यह पत्र भेजकर उनसे उपनगरीय इलाकों में वातानुकूलित रैक के बारे में उनसे जानकारी चाही है। वर्तमान में मुम्बई उपनगरीय में वातानुकूलित रैक है।
अधिकारियों के अनुसार दक्षिण रेलवे को दो रैक आवंटित किए जाने की संभावना है। ईएमयू में वातानुकूलित रैक को लेकर यात्रियों का रेसपोन्स कम नजर आ रहा है। सबसे पहले प्रथम श्रेणी के किराये से करीब 1.3 गुना अधिक किराया देना होगा।
यदि द्वितीय श्रेणी का किराया पांच रुपए तथा प्रथम श्रेणी का किराया 40 रुपए हैं तो वातानुकूलित में यात्रा करने पर 55 रुपए किराया अदा करना होगा। लम्बी यात्रा के लिए यह राशि और अधिक होगी। रेलवे अधिकारियों ने इस पर भी विचार किया कि एमटीसी की ओर से चलाई गई वातानुकूलित बसों को यात्रियों ने नकार दिया था ऐसे में वे रेलवे के वातानुकूलित कोच में यात्रा के लिए कितने तैयार होंगे।
एक अधिकारी का कहना था उपनगरीय मार्ग पर चलने वाली ईएमयू में यात्रा करने वालों में स्कूल एवं कालेज के विद्यार्थी, गरीब, मजदूर व निम्न वर्ग के लोग अधिक है। ऐसे में वे वातानुकूलित रैक पसंद कर पाएंगे, इसकी अधिक संभावना नहीं दिख रही है। दूसरा परिचालन में आने वाली बाधाओं पर भी चर्चा की गई।
चूंकि एसी ट्रेन में मेट्रो की तरह स्वचालित दरवाजे होंगे ऐसे में ट्रेन को कम से कम 80 सेकण्ड तक रोकना होगा। वर्तमान में ट्रेन हर स्टेशन पर 20 से 30 सेकण्ड तक रुकती है।
ऐसे में ट्रेनों के परिचालन में अधिक समय लगेगा। चेन्नई बीच से चेंगलपेट मार्ग पर कुछ सीमित स्टेशनों पर ट्रेन के ठहराव के साथ भी चर्चा की गई।