दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने किया कृत्रिम सुरक्षा अभ्यास
दक्षिण रेलवे के चेन्नई मंडल ने गुरुवार को वीओसी नगर रेलवे स्टेशन पर कृत्रिम अभ्यास का आयोजन किया। यह रेलवे स्टेशन तंडियारपेट...

चेन्नई।दक्षिण रेलवे के चेन्नई मंडल ने गुरुवार को वीओसी नगर रेलवे स्टेशन पर कृत्रिम अभ्यास का आयोजन किया। यह रेलवे स्टेशन तंडियारपेट एवं तिरुवत्तीयूर रेलवे स्टेशन के बीच स्थित है। यह आयोजन आपात काल के दौरान विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों की जांच करने के लिए किया गया था।
अभ्यास के दौरान तंडियारपेट के स्टेशन मास्टर ने यह संदेश दिया कि सुबह 8.40 पर वीओसी नगर के मेन लाइन प्लेटफार्म पर एक कोच के पटरी से उतरने के कारण एक यात्री फंस गया है। तत्काल नियंत्रण अधिकारी ने इस संदेश को सभी संबंधित अधिकारियों के पास प्रसारित कर दिया।
स्व-प्रस्तावित दुर्घटना राहत ट्रेन को 8.50 पर आदेश प्राप्त हुआ और तुरंत एक मेडिकल टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। इस कृत्रिम अभ्यास के कार्यक्रम में अरक्कोणम के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के जवानों ने भी भाग लिया। यह पूरा अभ्यास कार्यक्रम चेन्नई रेलवे मंडल के सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की देखरेख में संचालित हुआ।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बदली जाएंगी एसी कोच की खिड़कियां
मेल ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले यात्री भी अब जल्द ही खिडक़ी से बाहर के मनोरम दृश्यों का आनंद ले पाएंगे। दरअसल रेलवे ने अब एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोच की कांच की पुरानी खिड़कियों को प्रतिस्थापित कर स्पलिट-साइड खिडक़ी लगाने का निर्णय लिया है। इस नई व्यवस्था के तहत पूरे कोच में खिड़कियों में एक ही शीशा लगा होगा।
गौरतलब है कि पहले हर सीट की खिडक़ी अलग-अलग होती थी तथा खिड़कियों के बीच की जगह में पंखे एवं लाइट के स्विच आदि लगे रहते थे। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में इस तरह के एसी कोच का मॉडल तैयार किया जा चुका है। इसमें कोई संदेह नहीं कि रेलवे एसी कोच का यह नया माडल यात्रियों के यात्रा आनंद को कई गुना बढ़ा देगा।
आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर एसी कोच में नौ खिड़कियां रहती हैं तथा हर दो खिडक़ी के बीच में एक एल्युमिनियम सीट की पट्टी लगी रहती है। नए डिजाइन में बीच की पट्टी को निकाल कर उसके स्थान पर शीशा लगा दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि अब अगर एसी कोच के कांच का कुछ हिस्सा टूटा भी तो इससे पूरे शीशे का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि इस नए बदलाव के कारण एसी कोच की लागत एक प्रतिशत बढ़ जाएगी जबकि 3 टायर एसी के एक कोच की लागल लगभग 2 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी।
आईसीएफ ने 2017-18 में लगभग 2503 रेल के डिब्बों का निर्माण किया जिनमें 170 एसी कोच थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहले इस तरह की सुविधा केवल प्रीमियम ट्रेनों में ही हुआ करती थी लेकिन पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रेलवे ने सभी ट्रेनों के एसी कोचों में इस तरह की सुविधा मुहैया कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि थर्ड एसी के अलावा इसे चेयरकार एवं अन्य एसी कोचों में भी चरणबद्ध तरीके से लगाए जाने की योजना है।
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